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चंडीगढ़ में मौसम की सटीक जानकारी कैसे प्राप्त की जाती है

चंडीगढ़ में मौसम की गतिविधियों की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए कई तकनीकों का उपयोग किया जाता है। पिछले 14 वर्षों से मौसम केंद्र हर तीन घंटे में आंकड़े एकत्र करता है, जिसमें बलून, रडार स्क्रीन, और ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम शामिल हैं। जानें कि ये तकनीकें कैसे काम करती हैं और मौसम की सटीक भविष्यवाणी में कैसे मदद करती हैं।
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चंडीगढ़ में मौसम की सटीक जानकारी कैसे प्राप्त की जाती है

चंडीगढ़ में मौसम की गतिविधियों की निगरानी

चंडीगढ़ का मौसम केंद्र, जो पिछले 14 वर्षों से पंजाब और हरियाणा के मौसम पर नजर रख रहा है, हर तीन घंटे में मौसम से संबंधित आंकड़े एकत्र करता है। ये आंकड़े मेट्रोलॉजिकल वैदर, पालम को भेजे जाते हैं। इस प्रक्रिया में एक ड्यूटी ऑफिसर और एक ड्यूटी असिस्टेंट डेटा को इकट्ठा करके उसका रिकॉर्ड रखते हैं। यह टीम डिजास्टर मैनेजमेंट सेल को भी हर तीन घंटे में नॉओ कास्ट डेटा भेजती है, जिससे मौसम संबंधी अलर्ट जारी किए जाते हैं।


पटियाला में मौसम की जानकारी के लिए बलून का उपयोग

पटियाला में रेडियो सोंडे रेडियो विंड (आरएसआरडब्ल्यू) सिस्टम का उपयोग करके ऊपरी हवा के आंकड़े मापे जाते हैं। इसके लिए एक बलून में रेडियो सोंडे इंस्ट्रूमेंट और जीपीएस लगाया जाता है, जिससे वायुमंडल की परतों का डेटा प्राप्त होता है।


रडार स्क्रीन का महत्व

ड्यूटी ऑफिसर रडार स्क्रीन पर मौसम की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। यदि कोई सिस्टम चंडीगढ़ या उसके आस-पास के क्षेत्रों में आ रहा है, तो यह रडार से तुरंत पता चल जाता है।


ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम

ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम (एडब्ल्यूएस) तापमान, बारिश और वायुमंडलीय दबाव के आंकड़े प्रदान करता है।


सॉयल थर्मामीटर का उपयोग

सॉयल थर्मामीटर 5 से 20 सेमी गहराई में मिट्टी के तापमान को मापता है, और इसका डेटा सुबह 8:30 और शाम 5:30 बजे रिकॉर्ड किया जाता है।


बारिश मापने के लिए मैनुअल सिस्टम

बारिश को मापने के लिए मैनुअल ऑर्डिनरी रेन गेज सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसमें एक मेजरिंग ग्लास और चार लीटर का कलेक्टर होता है। बारिश के पानी को 20 एमएम के मेजरिंग ग्लास द्वारा मापा जाता है।


थर्मामीटर का उपयोग

थर्मामीटर का उपयोग अधिकतम और न्यूनतम तापमान मापने के लिए किया जाता है। इसमें मैक्सिमम और मिनिमम दोनों थर्मामीटर एक ही इक्विपमेंट में होते हैं।


डबल स्टीवंसन स्क्रीन

डबल स्टीवंसन स्क्रीन एक शेल्टर है जिसमें थर्मामीटर, हाइग्रोमीटर और बैरोमीटर रखे जाते हैं। यह तापमान, नमी और ओस के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करता है और उपकरणों को धूप, पानी और हवा से बचाता है।


सेल्फ रिकॉर्डिंग रेन गेज

इस सिस्टम में बारिश की मात्रा मापी जाती है। इसमें एक ग्राफ होता है जो एक बार में 10 एमएम बारिश को ग्राफिकली रिकॉर्ड करता है। 10 एमएम से अधिक बारिश होने पर यह खुद साइफनिंग करके दोबारा मापना शुरू कर देता है।