चंडीगढ़ में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण
चंडीगढ़ में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। मोबाइल हेल्थ टीम ने जन्मजात दोष और बीमारियों की पहचान की। विकलांग बच्चों के लिए विशेष कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 37 बच्चों का इलाज और फॉलोअप किया गया। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और कैसे यह बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद कर रहा है।
Jun 9, 2025, 20:03 IST
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चंडीगढ़ में स्वास्थ्य चेकअप का आयोजन
चंडीगढ़ समाचार: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत, जिले के सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 0 से 18 वर्ष के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। यह परीक्षण मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा किया गया, जिसमें जन्मजात दोष, बीमारियों और विकासात्मक देरी की पहचान की गई। जिन बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता थी, उन्हें जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र, सिविल अस्पताल सेक्टर 6 में भेजा गया। यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा उनका इलाज किया जाता है। जन्मजात दोष वाले बच्चों के लिए तृतीयक देखभाल केंद्रों जैसे पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, फोर्टिस अस्पताल मोहाली और जीएमसीएच 32 में भेजा जाता है।
जिला पंचकुला में 5 टीमों को नियुक्त किया गया है, जो सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 0-18 वर्ष के बच्चों का चेक-अप करती हैं। आंगनबाड़ियों में साल में दो बार और स्कूलों में एक बार चेक-अप के लिए टीम जाती है। पंचकुला में कुल 534 आंगनबाड़ी और 422 स्कूल हैं।
आज सिविल अस्पताल सेक्टर 6 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विकलांग बच्चों के लिए एक कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप की अध्यक्षता सर्जन डॉक्टर मुक्ता कुमार और उप सिविल सर्जन डॉक्टर शिवानी ने की। इस दौरान 37 विकलांग बच्चों का इलाज और फॉलोअप किया गया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, क्योर इंडिया के प्रतिनिधि, बच्चे और उनके माता-पिता भी उपस्थित थे।