चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण: सुधार के बावजूद चुनौतियाँ बनी हुई हैं

चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता में सुधार
चंडीगढ़ वायु प्रदूषण, (चंडीगढ़): चंडीगढ़ ने स्वच्छ हवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शहर का हरा आवरण 6% तक बढ़ गया है, और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, इलेक्ट्रिक वाहन नीति, और धूल नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। औद्योगिक प्रदूषण पर सख्त नियंत्रण, जन जागरूकता कार्यक्रम, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, गैर-मोटराइज्ड परिवहन नेटवर्क, स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, स्वचालित सड़क सफाई और धूल नियंत्रण के प्रयासों ने शहर की स्थिति में सुधार किया है। फिर भी, चंडीगढ़ शीर्ष-3 या शीर्ष-5 में स्थान नहीं बना सका। इसका मुख्य कारण? पार्टिकुलेट मैटर (PM10) का स्तर, जिसे 40% तक कम करने का लक्ष्य था, बढ़ गया है। 2019 में PM10 का स्तर 117 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो 2025 में बढ़कर 121 माइक्रोग्राम हो गया।
फंड का उपयोग और प्रदूषण के आंकड़े
फंड खर्च और प्रदूषण का आंकड़ा
चंडीगढ़ में प्रदूषण को कम करने के लिए भारी फंड आवंटित किया गया, लेकिन परिणाम अपेक्षित नहीं रहे। 2019-20 में 8.28 करोड़ रुपये जारी किए गए, जिनमें से 1.45 करोड़ खर्च हुए और PM10 का स्तर 92 था। 2020-21 में 5 करोड़ में से 5.64 करोड़ खर्च हुए, लेकिन स्तर 90 पर बना रहा। 2021-22 में 4.61 करोड़ में से 2.53 करोड़ खर्च हुए, और स्तर बढ़कर 97 हो गया। 2022-23 में 6.87 करोड़, 2023-24 में 8.05 करोड़ और 2024-25 में 7.92 करोड़ में से 2.93 करोड़ खर्च हुए, लेकिन PM10 का स्तर 121 तक पहुंच गया। यानी खर्च बढ़ा, लेकिन प्रदूषण भी बढ़ता गया।
चंडीगढ़ की प्रदूषण चुनौती
टॉप-3 में आने की चुनौती
चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट और एन्वायर्नमेंट डायरेक्टर यूटी चंडीगढ़, सौरभ कुमार ने कहा, “चंडीगढ़ के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन अभी और मेहनत की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य है कि प्रशासन और नागरिक मिलकर प्रदूषण को कम करें। जिन क्षेत्रों में कमी आई है, उन पर ध्यान देंगे ताकि चंडीगढ़ शीर्ष-3 में आ सके।” कई नए प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं, और कुछ अगले कुछ हफ्तों में शुरू होंगे।
प्रदूषण की बढ़ती समस्या
प्रदूषण क्यों नहीं रुक रहा?
चंडीगढ़ एक लैंड-लॉक्ड शहर है, इसलिए आसपास के क्षेत्रों की गतिविधियाँ और वाहनों की आवाजाही हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। अभी तक कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुआ है कि प्रदूषण बढ़ने का असली कारण क्या है। शहर में हर दिन औसतन 130-150 गाड़ियाँ रजिस्टर होती हैं, जो अन्य शहरों की तुलना में अधिक है। ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, खुली जगहों पर घास की कवरेज, अधिक पेड़ लगाने और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर सख्ती आवश्यक है।
प्रदूषण कम करने के प्रयास
प्रदूषण कम करने की कोशिशें
प्रदूषण के कारणों को जानने के लिए आईआईटी से एक अध्ययन कराया जा रहा है, जो इस वर्ष पूरा होगा। इसके बाद क्षेत्रवार प्रदूषण कम करने पर काम किया जाएगा। इस वर्ष इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 18% करने का लक्ष्य है, जो वर्तमान में 15% है। प्रशासन का ध्यान है कि वैज्ञानिक तरीके से प्रदूषण के कारणों को समझा जाए और उन्हें कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।