चंडीगढ़ सेक्टर-53 हाउसिंग स्कीम में फिर से रुकावट, आवेदकों को लौटाए जाएंगे पैसे

सेक्टर-53 हाउसिंग योजना में नई बाधाएं
चंडीगढ़ की सेक्टर-53 जनरल हाउसिंग योजना एक बार फिर ठप हो गई है। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि इस योजना के लिए सर्वे में भाग लेने वाले आवेदकों को उनकी जमा राशि वापस की जाएगी। इस सर्वे में 372 मकानों के लिए 7000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
आवेदकों की जमा राशि
लोगों ने इस सर्वे में भाग लेने के लिए 5000 से 10,000 रुपये की राशि जमा की थी। हालांकि, बोर्ड का कहना है कि योजना को रद्द नहीं किया गया है। 1 अप्रैल से कलेक्टर रेट में वृद्धि के कारण इस योजना के फ्लैट्स की कीमत में 50-60 लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
फिर से निर्णय लेने की प्रक्रिया
इसलिए, यह तय किया गया है कि फिलहाल आवेदकों की राशि लौटाई जाएगी। योजना के संबंध में बोर्ड की अगली बैठक में फिर से निर्णय लिया जाएगा। फरवरी 2025 में 372 मकानों की जनरल हाउसिंग योजना के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी।
डिमांड सर्वे का परिणाम
डिमांड सर्वे 3 मार्च को पूरा हुआ, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के फ्लैट खरीदने के लिए लगभग 7300 लोगों ने रुचि दिखाई थी। स्कीम ए और बी (तीन और दो बेडरूम फ्लैट) के लिए सर्वे फॉर्म जमा करने वालों ने 10-10 हजार रुपये की भुगतान की थी।
ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की स्थिति
ईडब्ल्यूएस या सी-स्कीम के लिए प्रत्येक आवेदक ने 5000 रुपये जमा किए थे। इसके माध्यम से बोर्ड ने लगभग 4 करोड़ रुपये जुटाए थे। सर्वे के ब्रोशर में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने कहा था कि यदि योजना शुरू होती है, तो इस राशि को फ्लैट की अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) में समायोजित किया जाएगा।
योजना के लॉन्च में देरी के कारण
3 मार्च को डिमांड सर्वे के बाद बेहतर प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने समय पर निर्णय नहीं लिया। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने 5 मार्च को कलेक्टर रेट बढ़ाने की ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी की थी।
कलेक्टर रेट में वृद्धि का प्रभाव
कलेक्टर रेट लागू होने के बाद, तीन बेडरूम फ्लैट का संभावित मूल्य 1.65 करोड़ रुपये (बिना जीएसटी के) था, जो अब बढ़कर लगभग 2.50 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह, दो बेडरूम फ्लैट का मूल्य भी बढ़ गया है।
ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की संख्या में कमी पर विवाद
सर्वे के बाद, कुछ अधिकारियों ने ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की संख्या कम करने की कोशिश की, लेकिन सरकारी मानदंडों के अनुसार, ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स की संख्या प्रतिशत के अनुसार तय होती है।
नवीनतम हाउसिंग योजनाओं की कमी
2016 के बाद से, हाउसिंग बोर्ड ने कोई नई जनरल हाउसिंग योजना लॉन्च नहीं की है। लगभग 9 साल बाद सेक्टर-53 में यह योजना लाई जा रही थी।
चंडीगढ़ में नई हाउसिंग की संभावनाएं
चंडीगढ़ में नई हाउसिंग की संभावनाएं कम होती जा रही हैं। चंडीगढ़ एक लैंड लॉक्ड सिटी है, जहां विकास मास्टर प्लान के अनुसार ही होना है।