चीन और अमेरिका के बीच दुर्लभ खनिज व्यापार समझौता हुआ तैयार

अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को यह जानकारी दी कि चीन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति करने के लिए एक नए व्यापार समझौते पर सहमति जताई है। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर साझा करते हुए अमेरिका-चीन संबंधों को "उत्कृष्ट" बताया और कहा, "हमें 55% टैरिफ मिल रहे हैं, जबकि चीन को केवल 10%।" उन्होंने यह भी बताया कि इस समझौते के तहत चीन सभी आवश्यक दुर्लभ खनिज और पूर्ण मैग्नेट पहले प्रदान करेगा, जबकि अमेरिका कुछ रियायतें देगा, जैसे कि चीनी छात्रों को अमेरिकी कॉलेजों में पढ़ाई की अनुमति। यह समझौता अभी ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
लंदन में उच्च-स्तरीय वार्ता
लंदन में हुई हाई-लेवल मीटिंग में बनी बात
यह घोषणा लंदन में दो दिनों तक चली उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता के बाद आई, जहां दोनों पक्षों के वार्ताकारों ने एक प्रारंभिक समझौते पर सहमति जताई। अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक ने मंगलवार को कहा, "हमने जिनेवा सहमति और दोनों राष्ट्रपतियों के बीच हुई कॉल को लागू करने के लिए एक ढांचा तैयार किया है।" चीनी उप वाणिज्य मंत्री ली चेंगगैंग ने भी कहा, "दोनों पक्षों ने सैद्धांतिक रूप से 5 जून को दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच फोन कॉल और जिनेवा बैठक में बनी सहमति को लागू करने के लिए एक ढांचा तैयार किया है।"
दुर्लभ खनिजों पर चीन का वर्चस्व
दुर्लभ खनिजों पर चीन का वर्चस्व
चीन के दुर्लभ खनिजों के निर्यात प्रतिबंधों ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ये खनिज रक्षा और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। चीन वैश्विक स्तर पर 60% कच्चा उत्पादन और 90% प्रसंस्करण नियंत्रित करता है, जिससे वह इन संसाधनों का केंद्रीय खिलाड़ी बन गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि चीन का इन संसाधनों पर नियंत्रण दीर्घकालिक रणनीतिक जोखिम पैदा करता है, खासकर जब वैश्विक अर्थव्यवस्था नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रही है।
समझौते की उम्मीद
समझौते की उम्मीद
ल्यूटनिक ने जोर देकर कहा कि लंदन में चीन के साथ तैयार व्यापार ढांचा दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट पर प्रतिबंधों को हल करने की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने बताया कि यह ढांचा ट्रम्प की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, और उम्मीद है कि यह समझौता सफलतापूर्वक लागू होगा। ट्रम्प और शी जिनपिंग के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत ने इस परिणाम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।