चीन में Influenza D वायरस का खतरा: नई महामारी की चेतावनी

चीन में Influenza D का प्रसार
चीन में Influenza D का प्रसार: पूरी दुनिया अभी कोरोना वायरस के प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रही है, तभी चीन में एक नई महामारी ने दस्तक दी है। यह वायरस हवा के माध्यम से भी फैल सकता है। स्वाइन फ्लू (Influenza D) के मानव संचरण के एक मामले ने इस नई महामारी के खतरे को बढ़ा दिया है, जो मूल रूप से फेरेट्स में पाया जाता है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह नया वायरस अधिक संक्रामक है और यह स्तनधारियों के बीच हवा के जरिए फैल सकता है, जिससे यह मनुष्यों में तेजी से फैलने की संभावना है। फेरेट्स (Ferret) एक छोटा पालतू जानवर है, जो नेवले की प्रजाति का है और यह खरगोशों और चूहों का शिकार करता है।
Influenza D के बारे में जानकारी
Influenza D क्या है?
हाल ही में चीन में किए गए परीक्षणों में Influenza D वायरस मानवों में भी पाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस अब केवल जानवरों तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, IDV का नया स्ट्रेन D/HY11 मानव श्वसन कोशिकाओं में तेजी से बढ़ सकता है और ममल्स में संक्रमण कर सकता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि चीन के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में परीक्षण किए गए व्यक्तियों में 96% में इस वायरस के लिए एंटीबॉडी पाई गई, जो यह दर्शाता है कि यह वायरस पहले से ही मानवों में फैल रहा है।
फ्लू दवाओं के प्रति प्रतिरोध
फ्लू दवाओं के प्रति प्रतिरोध क्षमता:
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक होंगबो गाओ ने कहा, "हमारे अध्ययन ने पहली बार यह प्रमाणित किया है कि IDV का यह नया स्ट्रेन बिना किसी अनुकूलन के फेरेट्स में एयरबोर्न तरीके से फैल सकता है। इसका मतलब है कि यह वायरस गंभीर लक्षणों के बिना भी फैल सकता है, जिससे लोग असिम्प्टोमैटिक (लक्षणहीन) कैरियर्स बन सकते हैं।"
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस वायरस में कई मौजूदा फ्लू दवाओं के प्रति प्रतिरोध क्षमता है। हालांकि, प्रारंभिक आंकड़े बताते हैं कि यह पॉलीमरेज इनहिबिटर्स नामक नई वर्ग की दवाओं के प्रति संवेदनशील हो सकता है। लेकिन एमांटाडिन और न्यूरामिनिडेज इनहिबिटर्स जैसी दवाओं के लिए यह प्रतिरोधी है।
Influenza D महामारी को कैसे रोका जाए?
कैसे रोके Influenza D महामारी?
इस नए स्ट्रेन के संक्रमण के मुख्य लक्षणों में बुखार, छींक, और नाक से स्राव शामिल हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अन्य लक्षणों के बारे में अभी तक पूर्ण जानकारी नहीं है। इस कारण इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है और इसे "पांज़ूटिक खतरा" कहा गया है।
वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि यह वायरस क्रॉस-प्रजातियों अनुकूलन के लिए विकसित हो रहा है, जिससे इसकी मानव और अन्य ममल्स में फैलने की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों ने कहा कि महामारी की रोकथाम के लिए सतर्कता जरूरी है और लोगों को संक्रमण के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
चीन में इस नए वायरस की पहचान ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय के लिए चिंता का विषय बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते सावधानी बरती जाए तो संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।