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चीन में उइगर मुसलमानों के अंगों का जबरन निष्कर्षण: नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में चीन में उइगर मुसलमानों के अंगों के जबरन निष्कर्षण के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीजिंग ने हिरासत में लिए गए उइगर लोगों के अंगों को निकालने के लिए अपनी सुविधाओं की संख्या को बढ़ाने की योजना बनाई है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन में कैदियों से अंग निकालने और उन्हें बेचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या खुलासा हुआ है और क्यों यह चिंता का विषय बन गया है।
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चीन में उइगर मुसलमानों के अंगों का जबरन निष्कर्षण: नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

चीन में उइगर मुसलमानों का शोषण

चीन में उइगर मुसलमानों का शोषण: चीन पर उइगर मुसलमानों के साथ शोषण के आरोप पहले भी लग चुके हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। ब्रिटेन की एक समाचार पत्रिका ने बताया है कि बीजिंग ने हिरासत में लिए गए उइगर लोगों के अंगों को जबरन निकालने के लिए अपनी सुविधाओं की संख्या को तीन गुना बढ़ाने की योजना बनाई है।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन की राष्ट्रीय चिकित्सा प्राधिकरण की एक शाखा, झिंजियांग स्वास्थ्य आयोग, 2030 तक छह नए चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे इस क्षेत्र में ऐसे केंद्रों की संख्या नौ हो जाएगी, जो अन्य प्रांतों की तुलना में अधिक हैं।


अंगों का व्यापार

अंगों का व्यापार कर रहा है चीन

चीन पर आरोप है कि वह अल्पसंख्यक समूहों के कैदियों से जबरन अंग निकालता है और कुछ मामलों में उन्हें धनी व्यक्तियों को बेचता है, जो इसके लिए भारी रकम चुकाने को तैयार हैं।

2019 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने यह पाया था कि चीन हर साल 100,000 से अधिक अंगों की कटाई करता है, जो कि सरकारी आंकड़ों से लगभग तीन गुना अधिक है।


जबरन अंग निष्कर्षण की घटनाएं

जबरन निकाले जा रहे हैं अंग

एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि चीन में कैदियों से जबरन अंग निकाले जा रहे हैं और उन्हें विदेशों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है।

हालांकि चीन में स्वैच्छिक अंग दान की योजना है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कई मामलों में कैदियों से उनकी इच्छा के विरुद्ध अंग निकाले जाते हैं, जिसमें उनकी हत्या भी शामिल है। इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद उइगर समुदाय के प्रति चीन के व्यवहार को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि पहले से ही इस समुदाय के खिलाफ नरसंहार के आरोप लगे हैं।