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चीन से सोयाबीन खरीद में कमी से अमेरिकी किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

अमेरिकी किसानों के लिए संकट गहरा हो गया है, क्योंकि चीन ने सोयाबीन की खरीदारी बंद कर दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मुद्दे पर शी जिनपिंग से मुलाकात की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि किसानों की मदद के लिए टैरिफ से अर्जित धन का उपयोग किया जाएगा। 2020 में हुए व्यापार समझौते के तहत चीन ने कृषि उत्पादों की खरीदारी का वादा किया था, लेकिन वर्तमान में स्थिति चिंताजनक है।
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चीन से सोयाबीन खरीद में कमी से अमेरिकी किसानों की मुश्किलें बढ़ीं

अमेरिकी किसानों की चिंताएं

अमेरिकी किसानों के लिए संकट: राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा कि अमेरिका के सोयाबीन उत्पादक गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चीन ने सोयाबीन की खरीदारी बंद कर दी है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।



राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि वे अगले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में सोयाबीन की खरीदारी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि चीन केवल बातचीत के लिए सोयाबीन खरीद को रोक रहा है।


उन्होंने कहा, "हमारे सोयाबीन किसान गंभीर संकट में हैं, लेकिन हमने टैरिफ से पर्याप्त धन अर्जित किया है, जिसका कुछ हिस्सा हम किसानों की सहायता में लगाएंगे। मैं कभी भी किसानों को निराश नहीं करूंगा।" ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में व्यापार समझौता लागू नहीं हो सका था, जिसके तहत चीन को अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीदारी करनी थी।


2020 में ट्रंप प्रशासन और चीन के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें चीन ने अमेरिका से सोयाबीन, मक्का, गेहूं और मांस जैसे कृषि उत्पादों की बड़ी मात्रा में खरीदारी का वादा किया था। इसका उद्देश्य अमेरिकी किसानों को लाभ पहुंचाना और दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बनाए रखना था।


हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध हुआ था, जिसमें अमेरिका ने चीन पर 145% तक टैरिफ लगाया था। इसके जवाब में चीन ने 125% टैरिफ लगाया था। हालांकि, बातचीत के बाद अमेरिका ने इसे घटाकर 30% कर दिया। दूसरी ओर, चीन ने अमेरिकी सोयाबीन पर 20% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जो अभी भी लागू है।


अमेरिकी सोयाबीन संगठन ने अगस्त में चेतावनी दी थी कि चीन की पाबंदियां अमेरिकी किसानों को उनके सबसे बड़े बाजार से बाहर कर रही हैं। किसानों का कहना है कि सोयाबीन के लिए उनका सबसे बड़ा बाजार चीन ही है।