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छत्तीसगढ़ में टीबी मुक्त गांवों की संख्या 4106 तक पहुंची

छत्तीसगढ़ ने टीबी मुक्त गांवों की संख्या 4106 तक पहुंचा दी है, जिसमें कबीरधाम जिले की जिंदा पंचायत को पहला टीबी मुक्त प्रमाणपत्र मिला है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस उपलब्धि की जानकारी दी और बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान का हिस्सा है। इस अभियान के तहत गांव-गांव जाकर टीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है। जानें इस ऐतिहासिक पहल के बारे में और कैसे यह राज्य के लिए प्रेरणा बन रही है।
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छत्तीसगढ़ में टीबी मुक्त गांवों की संख्या 4106 तक पहुंची

टीबी मुक्त की दिशा में छत्तीसगढ़ का कदम

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने टीबी मुक्त होने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यहां 4106 गांव पूरी तरह से टीबी मुक्त घोषित किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान को राज्य में गंभीरता से लागू किया जा रहा है। कबीरधाम जिले की जिंदा ग्राम पंचायत को राज्य की पहली टीबी मुक्त पंचायत का दर्जा दिया गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि शुक्रवार को घोषित की गई। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने जिंदा गांव जाकर वहां के लोगों को टीबी मुक्त प्रमाणपत्र सौंपा और उन्हें बधाई दी।


इस अवसर पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान को छत्तीसगढ़ में गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में 4106 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं, और कबीरधाम के इस गांव को पहला प्रमाण पत्र मिला है। टीबी कभी एक गंभीर बीमारी मानी जाती थी, लेकिन आज आधुनिक चिकित्सा, वैक्सीनेशन और जन भागीदारी के कारण यह बीमारी लगभग समाप्त होने के कगार पर है।"


उन्होंने यह भी कहा कि टीबी नियंत्रण केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि सामाजिक भागीदारी से ही संभव है। कबीरधाम जिले में अब तक 84 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ की 4,016 ग्राम पंचायतें अब तक टीबी मुक्त हो चुकी हैं। गृह मंत्री विजय शर्मा ने जिंदा गांव को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह पंचायत पूरे राज्य के लिए प्रेरणा बन गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 7 दिसंबर 2024 को ‘निक्षय-निरामय छत्तीसगढ़ – 100 दिवसीय अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य गांव-गांव जाकर टीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ना था।