जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से आई बाढ़ ने मचाई तबाही, 65 लोगों की मौत

किश्तवाड़ में बाढ़ की स्थिति
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दूरदराज के पहाड़ी गांव चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने के कारण आई भीषण बाढ़ ने व्यापक नुकसान किया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 65 लोगों की जान जा चुकी है। मौसम की विकट स्थिति के चलते शुक्रवार को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई गई। इस दुखद घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (15 अगस्त) को किश्तवाड़ का दौरा किया, ताकि स्थिति का आकलन कर सकें और राहत कार्यों की समीक्षा कर सकें।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चशोती गांव में प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बचाव कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के साथ मिलकर राहत कार्यों को और तेज करने के निर्देश दिए। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगभग 200 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से 100 से अधिक लोग जम्मू और किश्तवाड़ के अस्पतालों में उपचाराधीन हैं।
VIDEO | JK cloudburst: Chief Minister Omar Abdullah reaches Kishtwar to take stock of situation.
A massive flash flood triggered by the cloudburst struck the remote mountain village of Chisoti on August 14.
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/x1SXtGmMWL
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2025
मुख्यमंत्री का दौरा
इस दौरान, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "मैं आज दोपहर किश्तवाड़ के लिए रवाना हो रहा हूं और कल सुबह बादल फटने की त्रासदी स्थल पर पहुंचकर नुकसान का आकलन करूंगा। मैं बचाव कार्यों की समीक्षा करूंगा और यह देखूंगा कि और क्या सहायता की आवश्यकता है।" इस दौरे का मुख्य उद्देश्य प्रभावित लोगों को तात्कालिक सहायता प्रदान करना और स्थिति को सामान्य करने के लिए आवश्यक कदम उठाना है।
प्रशासन की तत्परता
बादल फटने के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। स्थानीय पुलिस ने जिले में नियंत्रण कक्ष और सहायता डेस्क स्थापित किए हैं, ताकि प्रभावित नागरिकों और मचैल माता यात्रा के तीर्थयात्रियों को सहायता मिल सके। वर्तमान में, केंद्र और राज्य सरकार मिलकर राहत कार्यों में जुटी हुई है, और सभी आवश्यक संसाधनों को जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।