जल प्रतिधारण से बचने के लिए पानी पीने के लाभ
जल प्रतिधारण एक सामान्य समस्या है, जो अधिक नमक या चीनी के सेवन से होती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे पर्याप्त पानी पीने से इस समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा, फाइबर युक्त आहार, विटामिन बी6 और पोटैशियम के महत्व पर भी चर्चा की जाएगी। जानें कि पानी को स्वादिष्ट बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं और स्वस्थ रहने के लिए किन चीजों से बचना चाहिए।
Jul 8, 2025, 17:33 IST
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जल प्रतिधारण के बारे में जानें
हेल्थ कार्नर: यदि आपको लगता है कि अधिक पानी पीने से जल प्रतिधारण हो सकता है, तो यह एक गलत धारणा है। जल प्रतिधारण मुख्यतः अधिक नमक या चीनी के सेवन, हार्मोनल असंतुलन, हीमोग्लोबिन की कमी, एलर्जी या अन्य कारणों से होता है।
बीमारी के कारण
पर्याप्त पानी न पीने से सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जब आप अधिक पानी पीते हैं, तो शरीर को अतिरिक्त पानी एकत्रित करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा, अधिक नमक और विषाक्त पदार्थ भी मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। प्यास न लगने पर भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए।
लक्षण क्या हैं?
हाथ, पैरों और चेहरे पर सूजन, टांगों में दर्द, वजन में बदलाव, त्वचा पर निशान और हायपोथायरॉइड जैसी समस्याएं इसके लक्षण हो सकते हैं।
फाइबर युक्त आहार लें
फाइबर युक्त आहार लेने से पाचन क्रिया में मदद मिलती है, जिससे अधिक पानी अवशोषित होता है और शरीर में पानी का संग्रह नहीं होता। ब्रोकली, बेरी, ओट्स और बीन्स में फाइबर की प्रचुरता होती है।
पानी को स्वादिष्ट बनाएं
पानी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कुछ हर्ब्स जैसे एपल सीडर विनेगर, मेथी, दालचीनी और धनिया के दाने मिलाए जा सकते हैं। इससे शरीर में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बना रहता है।
बचाव के उपाय
सक्रिय रहें, संतुलित आहार लें और डीहाइड्रेशन से बचें, विशेषकर नमक से। नियमित 30 मिनट की एक्सरसाइज करें ताकि डिटॉक्सिफिकेशन सुगम हो सके। अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें। सेब, अंगूर, स्ट्रॉबेरी और चुकंदर जैसे प्राकृतिक डाययूरेटिक का सेवन करें।
विटामिन बी6 का महत्व
महिलाओं को जल प्रतिधारण से बचने के लिए विटामिन बी6 युक्त आहार लेना चाहिए। यह डाययूरेटिक होते हैं और मूत्र उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं। बी6 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, अखरोट और आलू का सेवन करें।
पोटैशियम का सेवन
पोटैशियम युक्त आहार का सेवन करें। जल प्रतिधारण में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। संतरा, तरबूज, केला, अनार, पपीता और आम जैसे फल पोटैशियम के अच्छे स्रोत हैं। सोडियम की मात्रा को कम करने के लिए पोटैशियम मदद करता है, जिससे अतिरिक्त पानी का मूत्र उत्पादन बढ़ता है।