Newzfatafatlogo

जीएसटी सुधार: सरकार का नया कदम, वस्तुओं की कीमतें होंगी कम

सरकार जीएसटी प्रणाली में सुधार करने की योजना बना रही है, जिसमें 12% और 28% के स्लैब को समाप्त किया जाएगा। इससे कई वस्तुओं की कीमतें कम होंगी, जैसे टूथपेस्ट, साबुन, और इलेक्ट्रॉनिक सामान। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा और बाजार में तेजी आएगी। जानें इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में अधिक जानकारी।
 | 
जीएसटी सुधार: सरकार का नया कदम, वस्तुओं की कीमतें होंगी कम

जीएसटी सुधार:

सरकार जीएसटी प्रणाली को सरल बनाने और आम जनता को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में बताया कि जीएसटी ढांचे में बड़े बदलाव किए जाएंगे। इसके अंतर्गत 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को समाप्त करने की योजना बनाई गई है। इस प्रस्ताव का खाका राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह को सौंपा गया है, और सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.


वर्तमान जीएसटी दरें

वर्तमान में देश में जीएसटी की चार दरें लागू हैं: 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। इनमें रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे साबुन और टूथपेस्ट पर 5% जीएसटी, सामान्य वस्तुओं पर 12%, इलेक्ट्रॉनिक सामान और सेवाओं पर 18% तथा लग्जरी वस्तुओं पर 28% टैक्स लगाया जाता है। नए प्रस्ताव के अनुसार, 12% स्लैब को समाप्त कर उसकी वस्तुओं को 5% श्रेणी में लाया जाएगा, जबकि 28% स्लैब को हटाकर अधिकांश वस्तुओं को 18% श्रेणी में शामिल किया जाएगा.


सस्ती होंगी ये चीजें

इस निर्णय के बाद कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। 12% से 5% में आने के बाद टूथपेस्ट, साबुन, टूथ पाउडर, प्रोसेस्ड फूड, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, स्नैक्स, कंप्यूटर, मोबाइल, गीजर, प्रेशर कुकर, वैक्यूम क्लीनर, पानी का फिल्टर, इस्त्री, साइकिल, बर्तन, बारबेक्यू, ज्योमेट्री बॉक्स, ग्लोब, नक्शे, कृषि मशीनरी, एचआईवी डायग्नोस्टिक किट, वैक्सीन और आयुर्वेदिक दवाएं पहले से ज्यादा सस्ती मिलेंगी.


इन वस्तुओं की कीमतों में कमी

28% से घटाकर 18% में लाए जाने से एयर कंडीशनर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, मोटरसाइकिल सीट, कार, बीमा सेवाएं, प्लास्टिक उत्पाद, रेजर, प्रिंटर, एल्युमिनियम फॉयल, चीनी सिरप, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट और टैम्पर्ड ग्लास की कीमतों में भी कमी आएगी.


उपभोक्ताओं को फायदा

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि कारोबारियों के लिए भी टैक्स प्रणाली को सरल बनाया जाएगा। इससे वस्तुओं की मांग में वृद्धि हो सकती है और बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। सरकार का उद्देश्य है कि टैक्स ढांचे को सरल बनाकर जनता और उद्योग जगत दोनों को राहत मिले.