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जुबीन गर्ग की मौत: असम में सियासी हलचल और न्याय की मांग

जुबीन गर्ग की मौत के बाद असम में सियासी हलचल तेज हो गई है। उनके फैंस सड़कों पर उतर आए हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने वादा किया है कि अगर जुबीन को न्याय नहीं मिला, तो उन्हें वोट न देने की बात कही। इस मामले में कई विवाद और आरोप भी सामने आए हैं, जिससे राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और जुबीन की विरासत के बारे में।
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जुबीन गर्ग की मौत: असम में सियासी हलचल और न्याय की मांग

जुबीन गर्ग का जन्मदिन और उनके प्रति दीवानगी


राजीव रंजन तिवारी | जुबीन गर्ग के प्रति दीवानगी का एक अद्भुत उदाहरण असम के सिलचर में देखने को मिला, जहां उनके 53वें जन्मदिन का भव्य जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 10,000 लोग शामिल हुए, जिन्होंने जुबीन के प्रसिद्ध गीतों और तस्वीरों के साथ पोस्टर और बैनर लेकर आए। इस अवसर पर बराक के कलाकारों ने जुबीन का प्रसिद्ध गीत 'माया बिनी' प्रस्तुत किया, जो न केवल उनके संगीत योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।


जुबीन की मौत पर न्याय की मांग

जुबीन गर्ग की मौत के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं, न्याय की मांग कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा है कि अगर जुबीन को न्याय नहीं मिला, तो उन्हें 2026 में वोट न देने की बात कही। यह बयान उस समय आया जब जुबीन की मौत के बाद लोगों में गहरा शोक था। उनकी असामयिक मृत्यु ने विरोध प्रदर्शनों का रूप ले लिया है।


मौत की परिस्थितियाँ और विवाद

जुबीन की मृत्यु 19 सितंबर को सिंगापुर में हुई, जहां उन्हें तैरते समय डूबने की सूचना दी गई। हालांकि, असम के लाखों लोगों ने इसे एक साजिश माना और सोशल मीडिया पर अभियान चलाया। आरोप है कि जुबीन के स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया गया, जबकि उन्हें पानी में जाने से मना किया गया था। इस मामले में 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें हत्या के आरोप भी शामिल हैं।


सरकार की कार्रवाई और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सिंगापुर में शव परीक्षण की रिपोर्ट आने से पहले ही, मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दूसरा पोस्टमॉर्टम कराने का आदेश दिया। इस बीच, राजनीतिक दलों ने जनता के आक्रोश का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्षी नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग की है।


जुबीन की विरासत और भविष्य की राजनीति

जुबीन गर्ग की मौत के बाद असम में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उनकी फैंस फॉलोइंग बहुत बड़ी है, और उनके समर्थकों में नाराज़गी है। अगले साल असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और इस मामले का असर चुनावी राजनीति पर पड़ सकता है। मुख्यमंत्री सरमा ने जुबीन के परिजनों को न्याय दिलाने का वादा किया है।