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जोड़ों के दर्द से बचने के उपाय: युवा भी हो रहे हैं प्रभावित

आजकल, जोड़ों का दर्द केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह दर्द दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकता है। जानें इसके पीछे के कारण जैसे गलत पोस्चर, वजन और जूते, और इससे बचने के उपाय जैसे योग, व्यायाम और संतुलित आहार। यदि दर्द लगातार बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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जोड़ों के दर्द का बढ़ता प्रकोप

आजकल, जोड़ों का दर्द केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह दर्द कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि दैनिक गतिविधियों में बाधा डालता है। आमतौर पर इसे आर्थराइटिस या चोट का परिणाम माना जाता है, लेकिन कई बार यह हमारी जीवनशैली की आदतों का भी नतीजा होता है।


सबसे पहले, गलत पोस्चर का प्रभाव महत्वपूर्ण होता है। लंबे समय तक झुककर बैठना या बिना हिले-डुले कुर्सी पर बैठना रीढ़, कूल्हों और घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। यही कारण है कि ऑफिस में काम करने वाले लोग अक्सर दर्द और अकड़न का अनुभव करते हैं।


इसके अलावा, वजन भी एक महत्वपूर्ण कारक है। अतिरिक्त वजन घुटनों और टखनों पर सीधा दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज तेजी से घिसता है और जोड़ों में सूजन और दर्द बढ़ता है। इसलिए, संतुलित वजन बनाए रखना आवश्यक है।


जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए एक और महत्वपूर्ण बात है सही जूते पहनना। ऊँची एड़ी या बिना सपोर्ट वाले जूते शरीर के संतुलन को बिगाड़ते हैं और जोड़ों पर अनावश्यक दबाव डालते हैं। इसलिए, आरामदायक और सहायक जूते पहनना जरूरी है।


समस्या से बचने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाना आवश्यक है। सही पोस्चर बनाए रखें, हर घंटे कुछ मिनट का ब्रेक लेकर शरीर को स्ट्रेच करें। नियमित योग और हल्का व्यायाम जोड़ों को मजबूत बनाते हैं। अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। यदि दर्द लगातार बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।