टैनिंग के बारे में 5 आम मिथक और उनकी सच्चाई

टैनिंग: एक सामान्य समस्या और इसके मिथक
गर्मी के मौसम में त्वचा का रंग गहरा होना, जिसे टैनिंग कहा जाता है, एक सामान्य घटना है। हालांकि, कई लोग इसे केवल रंग के काले पड़ने से जोड़ते हैं, जबकि असलियत इससे कहीं अधिक जटिल है। जब हमारी त्वचा की ऊपरी परत, जिसे एपिडर्मिस कहा जाता है, सूरज की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों के संपर्क में आती है, तो मेलानिन नामक पिगमेंट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे त्वचा पर गहरा रंग दिखाई देता है।
समस्या केवल टैनिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी भ्रांतियों से भी है। कई बार लोग बिना सही जानकारी के टैनिंग से संबंधित बातों पर विश्वास कर लेते हैं और उसी के अनुसार अपनी स्किन केयर करते हैं, जो बाद में हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं टैनिंग से जुड़े 5 प्रमुख मिथक और उनकी सच्चाई:
टैनिंग से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई
1. मिथक: टैनिंग केवल गर्मियों में होती है
सच्चाई: यह मानना गलत है कि टैनिंग सिर्फ गर्मियों में होती है। सर्दियों की हल्की धूप या बादलों से ढका आसमान भी UV किरणों को रोक नहीं सकता। जब भी आपकी त्वचा सूरज की किरणों के संपर्क में आती है, टैनिंग हो सकती है, चाहे मौसम कोई भी हो।
2. मिथक: जिनकी त्वचा पहले से डार्क है, उन्हें टैनिंग नहीं होती
सच्चाई: गहरे रंग की त्वचा पर टैनिंग का असर कम दिखाई दे सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि UV किरणें उस पर असर नहीं डालतीं। हर स्किन टोन को सूर्य की किरणों से नुकसान हो सकता है, चाहे वह गोरी हो या सांवली।
3. मिथक: सनस्क्रीन लगाने से पूरी तरह टैनिंग से बच सकते हैं
सच्चाई: सनस्क्रीन त्वचा को एक हद तक UV किरणों से बचाती है, लेकिन यह 100% सुरक्षा नहीं देती। सही SPF का चयन करना, हर 2-3 घंटे में दोबारा लगाना और स्किन टाइप के अनुसार सनस्क्रीन का उपयोग करना आवश्यक है।
4. मिथक: नींबू-बेसन लगाने से टैनिंग तुरंत हट जाती है
सच्चाई: घरेलू नुस्खे जैसे नींबू और बेसन थोड़े समय के लिए राहत दे सकते हैं, लेकिन टैनिंग को पूरी तरह हटाने में सक्षम नहीं होते। अधिक प्रयोग से स्किन में जलन, ड्रायनेस या रैशेज हो सकते हैं।
5. मिथक: एक बार टैनिंग हट गई तो दोबारा नहीं होगी
सच्चाई: टैनिंग हटने के बाद भी अगर आप सूरज की किरणों से बचाव नहीं करते, तो दोबारा टैनिंग हो सकती है। स्किन को सूरज से प्रोटेक्ट करना हर मौसम में जरूरी है, ताकि बार-बार टैनिंग से बचा जा सके.