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ट्रंप का विवादास्पद दावा: गर्भावस्था में पैरासिटामोल से बढ़ सकता है ऑटिज्म का खतरा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भावस्था में पैरासिटामोल के सेवन को ऑटिज्म से जोड़ा है, जिससे चिकित्सा जगत में बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दावे को साबित करने के लिए और शोध की आवश्यकता है। ट्रंप ने FDA से इस दवा के लेबल पर चेतावनी जोड़ने की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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ट्रंप का विवादास्पद दावा: गर्भावस्था में पैरासिटामोल से बढ़ सकता है ऑटिज्म का खतरा

ट्रंप का बयान और उसकी प्रतिक्रिया

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दर्द निवारक दवा पैरासिटामोल के बारे में एक ऐसा दावा किया है, जिसने चिकित्सा समुदाय में नई बहस को जन्म दिया है। ट्रंप ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान इस दवा का सेवन करने से बच्चे में ऑटिज्म का खतरा बढ़ सकता है।


व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें ऑटिज्म का एक संभावित कारण मिल गया है। गर्भवती महिलाओं द्वारा एसिटामिनोफेन का उपयोग करने से बच्चे में ऑटिज्म का जोखिम बढ़ता है।" उन्होंने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी कि वे इस दवा का उपयोग केवल आवश्यकतानुसार करें।


ट्रंप ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) गर्भवती महिलाओं के लिए एसिटामिनोफेन के लेबल पर एक स्पष्ट चेतावनी जोड़े। यह माना जा रहा है कि इस दावे के पीछे स्वास्थ्य कार्यकर्ता रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर का प्रभाव है, जो लंबे समय से दवाओं और पर्यावरणीय कारकों को ऑटिज्म से जोड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं।


अमेरिका में पैरासिटामोल को एसिटामिनोफेन के नाम से जाना जाता है और यह 'टायलेनोल' जैसे ब्रांडों के तहत उपलब्ध है। इसे भारत सहित कई देशों में गर्भावस्था के दौरान सबसे सुरक्षित दर्द निवारक दवाओं में से एक माना जाता रहा है।


हालांकि, ट्रंप के इस बयान पर कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि इस दावे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है और इसे साबित करने के लिए और अधिक गहन शोध की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटिज्म के लिए पर्यावरणीय कारकों की भूमिका को समझने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता है।


यह ध्यान देने योग्य है कि रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने टीकों को भी ऑटिज्म से जोड़ा है, लेकिन उनके इस विचार को वैज्ञानिक समुदाय ने कई बार खारिज किया है। ट्रंप के इस बयान के बाद अब यह देखना होगा कि FDA इस मामले में क्या कदम उठाता है।