ट्रांस फैट का स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें कैसे बचें

ट्रांस फैट और स्वास्थ्य
सस्ते खाने और तलने के लिए उपयोग होने वाले तेल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि ट्रांस फैट का अत्यधिक सेवन न केवल वजन बढ़ाता है, बल्कि यह दिल की बीमारियों, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ट्रांस फैट वास्तव में वे अस्वास्थ्यकर फैटी एसिड होते हैं, जो तेल को बार-बार गर्म करने या हाइड्रोजनीकरण की प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं। ये आमतौर पर बाजार में उपलब्ध स्नैक्स, बेकरी उत्पादों, तले हुए खाद्य पदार्थों और स्ट्रीट फूड में पाए जाते हैं।दिल्ली के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय मिश्रा ने बताया कि “ट्रांस फैट हमारे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करता है। इससे दिल की धमनियों में संकुचन होता है और रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।” विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2025 तक ट्रांस फैट मुक्त दुनिया का लक्ष्य रखा है। भारत सरकार ने भी खाद्य तेल में ट्रांस फैट की मात्रा को सीमित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन जागरूकता की कमी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग पैक्ड फूड, डीप फ्राइड आइटम और बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले तेल से बचें। इसके बजाय, ऑलिव ऑयल, मस्टर्ड ऑयल या रिफाइंड ऑयल का सीमित मात्रा में उपयोग करना बेहतर होगा।