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डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि व्रत: सुरक्षित तरीके और सुझाव

नवरात्रि के दौरान व्रत रखने की परंपरा में डायबिटीज के मरीजों को कई सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। सही तरीके से व्रत करने से न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है, बल्कि यह शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। इस लेख में जानें कि कैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन और उचित हाइड्रेशन व्रत को सुरक्षित बना सकता है। साथ ही, आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान के अनुसार व्रत के दौरान क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए।
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डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि व्रत: सुरक्षित तरीके और सुझाव

डायबिटीज के मरीजों के लिए नवरात्रि व्रत

नई दिल्ली: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है, जिसमें भक्तगण नौ दिनों तक व्रत रखकर मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। इस दौरान डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों के लिए व्रत रखने को लेकर कई सवाल उठते हैं। वे व्रत रखना चाहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव की चिंता उन्हें रोकती है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही डायबिटीज के मरीजों के लिए कुछ सावधानियों के साथ व्रत रखने की सलाह देते हैं।


आयुष मंत्रालय और आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर में पंच तत्त्वों का संतुलन बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। सही तरीके से व्रत करने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल सकते हैं और पाचन तंत्र को आराम मिलता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए व्रत का अर्थ भूखा रहना नहीं, बल्कि सही तरीके से भोजन करना है।


व्रत के दौरान लंबे समय तक खाली पेट रहना हानिकारक हो सकता है। जब शरीर में ग्लूकोज की कमी होती है, तो कमजोरी, चक्कर आना, और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, हर दो से तीन घंटे में पौष्टिक और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। समा के चावल, कुट्टू या राजगिरा का आटा, उबली हुई शकरकंद, मखाने और पनीर जैसे विकल्प अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि ये धीरे-धीरे पचते हैं और रक्त शर्करा को स्थिर रखते हैं।


इसके साथ ही, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है। व्रत के दौरान डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए गंभीर हो सकता है। पानी के अलावा, नारियल पानी, बिना चीनी वाला नींबू पानी, या छाछ जैसे पेय शरीर को तरोताजा रखने में मदद करते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करते हैं।


हालांकि, आजकल व्रत में तले-भुने और मिठाइयों का सेवन बढ़ गया है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इनसे बचना बेहतर है। तले हुए खाद्य पदार्थों के बजाय उबले, भुने या हल्के से सिकी हुई चीजें खाना न केवल शुगर को नियंत्रित रखता है, बल्कि पेट पर भी अधिक भार नहीं डालता। चीनी की जगह स्टीविया या गुड़ जैसे प्राकृतिक विकल्पों का उपयोग करें।


आयुर्वेद में व्रत को शरीर और आत्मा की शुद्धि का एक साधन माना गया है, इसलिए इस दौरान अपनी दवाओं को समय पर लेना न भूलें। यदि आप इंसुलिन या कोई विशेष दवा ले रहे हैं, तो व्रत शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।