Newzfatafatlogo

डायबिटीज से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन आयुर्वेदिक उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में, हम उन कारणों और उपायों पर चर्चा करेंगे जो डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं। जानें कैसे सही आहार, जैसे कि पुराने अनाज और मिश्रित आटे की रोटियां, और जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि नियमित व्यायाम और स्नान, इस बीमारी से बचने में मदद कर सकते हैं।
 | 
डायबिटीज से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

डायबिटीज के कारण और बचाव

हेल्थ कार्नर: आयुर्वेद के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों को जो भूख से अधिक भोजन करते हैं, नियमित व्यायाम नहीं करते और स्नान नहीं करते, डायबिटीज का खतरा हो सकता है।







नए अनाज जैसे बाजरा, मक्का, दालें और चावल शरीर के तरल प्रवाह में रुकावट पैदा कर सकते हैं। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को एक साल पुराना अनाज खाना चाहिए। आयुर्वेद की चरक संहिता के अनुसार, जो लोग अधिक खाते हैं, व्यायाम से दूर रहते हैं और स्नान नहीं करते, उन्हें डायबिटीज का खतरा रहता है।







दही का सेवन:


डायबिटीज के मरीजों के लिए दही को गरिष्ठ माना गया है। इसका उपयोग करने से पहले इसमें से मक्खन निकाल लेना चाहिए।


खाने के बाद पानी न पिएं:


डायबिटीज के रोगियों को भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है।


डायबिटीज से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय


ऐसे फल खाएं:


सेब, संतरा और मौसमी जैसे खट्टे फल शुगर के रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।


मिश्रित आटे की रोटियां:


गेहूं, काले चने और जौ के आटे से बनी रोटियां मधुमेह में लाभकारी होती हैं। गेहूं में शुगर की मात्रा कम होती है, जबकि काले चने और जौ शरीर में मौजूद अतिरिक्त शर्करा को अवशोषित कर लेते हैं। आंवला और हल्दी चूर्ण का नियमित सेवन भी फायदेमंद है।


त्रिफला चूर्ण का उपयोग:


त्रिफला चूर्ण का सेवन भी इस रोग में सहायक है। इसके लिए रोजाना एक चम्मच चूर्ण को एक गिलास गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।


विजयसार की लकड़ी का चूर्ण:


एक घड़े में पानी भरकर उसमें 200 ग्राम विजयसार की लकड़ी का चूर्ण डालें। अगले दिन इस पानी का सेवन करें और इसे रोजाना बदलें।