डार्कनेट ड्रग नेटवर्क पर NCB की बड़ी कार्रवाई: केटामेलन का पर्दाफाश

डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने डार्कनेट के माध्यम से नशे का कारोबार करने वाले एक बड़े गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की है। इस गिरोह को “केटामेलन” के नाम से जाना जाता है, और इसे भारत में सबसे उन्नत और खतरनाक डार्कनेट ड्रग नेटवर्क माना जा रहा है। ऑपरेशन "मेलॉन" के तहत की गई इस छापेमारी में न केवल ड्रग्स बरामद हुए, बल्कि डिजिटल संपत्तियों और क्रिप्टो वॉलेट्स को भी जब्त किया गया।
गिरोह की गतिविधियाँ और बरामदगी
अधिकारियों के अनुसार, केटामेलन भारत का एकमात्र लेवल-4 डार्कनेट विक्रेता था, जो वैश्विक स्तर पर सबसे उच्च श्रेणी में आता है। यह गिरोह पिछले दो वर्षों से एलएसडी और केटामाइन को अंतरराष्ट्रीय विक्रेताओं से खरीदकर भारत के प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, भोपाल, पटना और हिमाचल-उत्तराखंड में वितरित कर रहा था। NCB ने 1,127 एलएसडी ब्लॉट्स और 131.66 ग्राम केटामाइन जब्त की है, जिनकी कुल बाजार कीमत ₹35.12 लाख आंकी गई है।
डिजिटल संपत्तियों की जब्ती
डिजिटल सबूत और क्रिप्टो संपत्तियों की जब्ती
इस ऑपरेशन में ₹70 लाख की डिजिटल संपत्तियां जब्त की गईं, जिनमें एक हार्डवेयर वॉलेट (USDT), KITES OS से लैस पेन ड्राइव, कई क्रिप्टो वॉलेट्स, हार्ड डिस्क और Binance जैसे प्लेटफॉर्म पर कस्टोडियल वॉलेट्स की जानकारी शामिल है। यह कार्रवाई 28 जून को कोच्चि में तीन डाक पार्सलों से 280 एलएसडी ब्लॉट्स की जब्ती से शुरू हुई, जिसके बाद 29 जून को संदिग्ध के निवास पर छापा मारा गया और शेष सामग्री जब्त की गई। संदिग्ध और उसका साथी पुलिस हिरासत में हैं।
ड्रग-फ्री इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
‘ड्रग-फ्री इंडिया’ के लक्ष्य की ओर बड़ा कदम
NCB के अनुसार, केटामेलन की शुरुआत केटामाइन तस्करी से हुई थी और यह गिरोह ब्रिटेन स्थित डार्कनेट विक्रेता “गुंगा दीन” से माल मंगवाता था, जो “डॉ. सियस” नामक वैश्विक एलएसडी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। पिछले 14 महीनों में, इस गिरोह ने भारत में 600 से अधिक पार्सल वितरित किए हैं। इसी वर्ष, NCB ने “जाम्बाडा” नामक एक अन्य बड़े ड्रग सिंडिकेट को भी पकड़ा था। एनसीबी ने जनता से ड्रग से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए ‘मानस’ हेल्पलाइन 1933 पर संपर्क करने की अपील की है, और पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया है।