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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर श्रद्धांजलि

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका सपना एक आत्मनिर्भर भारत था। राजनाथ सिंह ने भी डॉ. कलाम के विज्ञान और युवा सशक्तीकरण में योगदान को सराहा। जानें उनके जीवन और कार्यों के बारे में इस लेख में।
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डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर श्रद्धांजलि

डॉ. कलाम की जयंती पर श्रद्धांजलि

भारत के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें याद किया।


पीएम मोदी और रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. कलाम के योगदान को उजागर करते हुए उनके विचारों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में प्रेरणादायक बताया।


प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्हें एक दूरदर्शी व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने युवाओं को प्रेरित किया और हमारे देश को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता के लिए विनम्रता और मेहनत आवश्यक है। डॉ. कलाम का सपना एक सशक्त, आत्मनिर्भर और करुणामय भारत था, और हम उनके इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


पीएम मोदी ने एक 1.07 मिनट का वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कलाम साहब का जीवन कितना व्यापक और गहरा था कि उन्हें याद करना गर्व की बात है, लेकिन साथ ही यह भी महसूस होता है कि काश वह हमारे साथ होते। यह कमी सभी के लिए एक चुनौती है।


उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि अब्दुल कलाम जी के आशीर्वाद से जो शिक्षा हमें मिली है, उसे हम पूरा करने का प्रयास करेंगे। यह उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। वे राष्ट्रपति बने, लेकिन उससे पहले वे राष्ट्र रत्न थे। कलाम साहब का जीवन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा। हम सब अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत करेंगे।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "दूरदर्शी वैज्ञानिक, प्रेरणादायी नेता और सच्चे देशभक्त डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"


उन्होंने डॉ. कलाम के रक्षा, विज्ञान और युवा सशक्तीकरण में योगदान को याद किया। राजनाथ ने लिखा कि भारत की रक्षा और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में उनका समर्पण अविस्मरणीय है। 'भारत के मिसाइल मैन' आज भी पीढ़ियों को बड़े सपने देखने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने डॉ. कलाम की विरासत को हर भारतीय के दिल में अंकित बताया।


डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों के विकास में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही। 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ. कलाम ने अपनी सादगी और युवाओं से जुड़ाव के कारण जनता के बीच अपार लोकप्रियता हासिल की। उनकी किताबें, जैसे 'विंग्स ऑफ फायर' और 'इग्नाइटेड माइंड्स', आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।