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डॉ. विनोद कुमार शर्मा को हिंदी साहित्य में योगदान के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में मान्यता

डॉ. विनोद कुमार शर्मा को उनके हिंदी साहित्य में योगदान के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड द्वारा मान्यता दी गई है। यह प्रमाण पत्र उनके ज्ञान और मेहनत का प्रतीक है। डॉ. शर्मा ने साहित्यिक गुरु प्रेम विज का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मार्गदर्शन उनके लिए प्रेरणादायक रहा है। जानें उनके कार्यों और उपलब्धियों के बारे में।
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डॉ. विनोद कुमार शर्मा को हिंदी साहित्य में योगदान के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड में मान्यता

डॉ. विनोद कुमार शर्मा की उपलब्धि


(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. विनोद कुमार को उनकी अद्वितीय उपलब्धियों के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से उनके हिंदी साहित्य में योगदान को मान्यता दी गई है। वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड ने कहा कि यह केवल एक प्रमाण पत्र नहीं है, बल्कि यह डॉ. विनोद कुमार के करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक माध्यम है। यह उनके ज्ञान और मेहनत को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके कौशल को मान्यता देता है।


डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि उनकी सफलता का यह प्रमाण पत्र उनके लिए गर्व का विषय है। उनकी शैक्षणिक योग्यता में डी.लिट., पीएच.डी., एम.फिल, एम.ए. (अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, मास कम्युनिकेशन, हिंदी), एम.एड., बी.एड., पीजीडीएमसी., और पीडीपीईटी शामिल हैं। उनकी कई चर्चित कविताएं हैं, जैसे 'बढ़ते कदम', 'शिखर की ओर', 'मन निर्झर', और 'जीवन सार'।


साहित्यिक गुरु प्रेम विज का योगदान

डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि उन्हें प्रसिद्ध साहित्यकार प्रेम विज का मार्गदर्शन प्राप्त है, जिन्हें वे अपने साहित्यिक गुरु मानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेम विज हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।


डॉ. विनोद कुमार ने कई मंचों, टीवी चैनलों, और समाचार पत्रों में अपनी प्रस्तुति दी है। उनके कार्यों में 'काव्य त्रिवेणी', 'कलम के परिंदे', और 'शब्दों की जादूगरी' जैसे काव्य संग्रह शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्यक्रमों में भाग लिया है और विभिन्न साहित्यिक हस्तियों के साथ काम किया है।