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डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट, वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि का असर

शुक्रवार को रुपये में गिरावट आई, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.08 पर पहुंच गया। इज़राइल के ईरान पर हमले के बाद वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि और घरेलू शेयर बाजारों की कमजोर शुरुआत ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया। पिछले दिन रुपये का बंद भाव 85.52 था। इस बीच, ब्रेंट क्रूड की कीमत 75.32 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और बाजार की स्थिति के बारे में।
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डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट, वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि का असर

रुपये की गिरावट का कारण

शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपये ने 56 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.08 पर पहुंच गया।

इज़राइल द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के चलते वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि और डॉलर की मजबूती का असर घरेलू मुद्रा पर पड़ा है।


बाजार की स्थिति

विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों की कमजोर शुरुआत और विदेशी पूंजी की भारी निकासी ने भी रुपये की गिरावट में योगदान दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपये की शुरुआत 86.25 पर हुई, लेकिन बाद में यह 86.08 प्रति डॉलर तक गिर गया, जो पिछले बंद भाव से 56 पैसे की कमी दर्शाता है।


पिछले दिन का प्रदर्शन

बृहस्पतिवार को रुपये का बंद भाव 85.52 प्रति डॉलर था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 98.22 पर रहा।


तेल की कीमतों में वृद्धि

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 8.59 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 75.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 3,831.42 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ा।