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डोनाल्ड ट्रंप का खाद्य आयात पर शुल्क में कटौती का फैसला, भारत को मिलेगा लाभ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खाद्य आयात पर शुल्क में कटौती का निर्णय लिया है, जिसका भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। व्हाइट हाउस ने उष्णकटिबंधीय फलों, चाय और मसालों पर शुल्क में कमी की घोषणा की है। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप का खाद्य आयात पर शुल्क में कटौती का फैसला, भारत को मिलेगा लाभ

ट्रंप का यू-टर्न: खाद्य आयात पर शुल्क में कमी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में खाद्य आयात पर शुल्क में कटौती करने का निर्णय लिया है, जो कि महंगाई को नियंत्रित करने और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से किया गया है। इस कदम का भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।


व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उष्णकटिबंधीय फलों, जूस, चाय और मसालों पर अब कोई पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा। यह निर्णय भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।


कॉफी, चाय, कोको, संतरे, टमाटर और बीफ जैसे उत्पादों का भी उल्लेख किया गया है। ट्रंप ने पहले भारत से आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था, साथ ही रूस से तेल खरीदने पर भी 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क लगाया था।


महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप ने पहले जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ हटा दिया था, जिससे भारत को लाभ हुआ, क्योंकि भारत अमेरिका में 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है।


हालांकि, खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि का कारण उच्च टैरिफ भी रहा है, जिसका असर सीधे आम जनता की जेब पर पड़ा है।


हाल के चुनावों में डेमोक्रेट्स ने महंगाई को एक प्रमुख मुद्दा बनाया, जिससे मतदाताओं पर खर्च का दबाव बढ़ा। ट्रंप का ध्यान अंतरराष्ट्रीय मामलों और टैरिफ पर अधिक रहा, जबकि महंगाई का मुद्दा आम जनता के लिए महत्वपूर्ण बना रहा।


अमेरिकी मीडिया के अनुसार, हाल के चुनावों में महंगाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है। सितंबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार, भुनी हुई कॉफी और बीफ की कीमतों में क्रमशः 18.9 प्रतिशत और 14.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


भारत से आयातित मसालों और खाद्य पदार्थों की कीमतें भारतीय किराना दुकानों में लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गई हैं।