ड्राई आई सिंड्रोम: जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
ड्राई आई सिंड्रोम एक सामान्य समस्या बन गई है, जो आंखों में जलन और सूजन का कारण बनती है। यह समस्या डिजिटल उपकरणों के बढ़ते उपयोग और बदलती जीवनशैली के कारण युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। इस लेख में, हम इसके कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव आपकी आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
Oct 7, 2025, 13:33 IST
| 
ड्राई आई सिंड्रोम की बढ़ती समस्या
आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में ड्राई आई सिंड्रोम एक सामान्य समस्या बन गई है। यह तब होता है जब आंखों में आंसू पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते या आंसुओं की परत जल्दी सूख जाती है। इसके परिणामस्वरूप आंखों में सूजन, जलन और अन्य परेशानियाँ हो सकती हैं। पहले इसे केवल उम्र से जुड़ी समस्या माना जाता था, लेकिन अब डिजिटल उपकरणों और बदलती जीवनशैली के कारण यह समस्या युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
ड्राई आई सिंड्रोम के कारण
इस समस्या का मुख्य कारण लंबे समय तक मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर का उपयोग करना है। स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से पलक झपकने की गति धीमी हो जाती है, जिससे आंसू जल्दी सूख जाते हैं। इसके अलावा, प्रदूषण, धूल, एयर कंडीशनर का उपयोग और लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनना भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। थायराइड, शुगर और ऑटोइम्यून बीमारियाँ भी इसके प्रमुख कारण हैं।
ड्राई आई के लक्षण
अधिकतर मरीजों को आंखों में चुभन, जलन, तेज रोशनी में असुविधा, धुंधला दिखाई देना और आंखों से अधिक पानी आने जैसी समस्याएँ होती हैं। कई लोग इसे आंसुओं की एलर्जी समझ लेते हैं, लेकिन यह ड्राई आई का संकेत हो सकता है। यदि इसे समय पर पहचान नहीं किया गया, तो यह कॉर्निया पर घाव और आंखों की रोशनी को प्रभावित करने वाली समस्याएँ पैदा कर सकता है।
ड्राई आई का निदान
ड्राई आई की पहचान के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं, जो आंसुओं की स्थिरता और मात्रा का पता लगाने में मदद करते हैं। सही पहचान के बाद, इसका इलाज सरल और प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। इस लेख में, हम ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।
ड्राई आई सिंड्रोम से बचाव के उपाय
लाइफस्टाइल में बदलाव
ड्राई आई की समस्या से राहत पाने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ छोटे बदलाव करना फायदेमंद हो सकता है।
आई ड्रॉप्स का उपयोग
लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स या आर्टिफिशियल आंसू का नियमित उपयोग इस समस्या से बचने का एक सरल और प्रभावी उपाय है।
20-20-20 नियम अपनाएं
इस समस्या से बचने के लिए 20-20-20 नियम का पालन करें। हर 2 मिनट में 20 फीट दूर देखने और 20 सेकंड तक रुकने से आंखों की पलक झपकने की आदत बनी रहती है।
नमी का ध्यान रखें
ड्राई आई सिंड्रोम के दौरान एसी या पंखे की सीधी हवा से बचें और कमरे में पर्याप्त नमी बनाए रखें।
सही डाइट
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें। अखरोट, मछली और अलसी आपकी डाइट में शामिल करें, जो आंसुओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।
कॉन्टैक्ट लेंस का सीमित उपयोग
कॉन्टैक्ट लेंस का लंबे समय तक उपयोग न करें और बीच-बीच में आंखों को आराम दें।
ड्राई आई सिंड्रोम केवल एक समस्या नहीं है, बल्कि यह कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इससे राहत पाने के लिए समय पर पहचान, सरल आदतें और डॉक्टर की सलाह का पालन करना आवश्यक है।