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तनाव से राहत के लिए प्राणायाम के तीन सरल तरीके

आज की तेज़-तर्रार जिंदगी में थकान और तनाव आम समस्या बन गई है। प्राणायाम एक प्रभावी उपाय है, जो न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। इस लेख में हम तीन सरल प्राणायाम तकनीकों के बारे में जानेंगे, जो आपके दिन को तरोताजा कर सकती हैं। कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका जैसे प्राणायाम आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
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तनाव से राहत के लिए प्राणायाम के तीन सरल तरीके

प्राणायाम: तनाव और थकान से मुक्ति का उपाय

आज की तेज़-तर्रार जीवनशैली में, अधिकांश लोग थकान और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। सुबह उठते ही शरीर और मन में सुस्ती का अनुभव होता है। ऐसे में प्राणायाम एक प्रभावी तरीका है, जिससे आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। योग विशेषज्ञों का मानना है कि केवल 10-15 मिनट का प्राणायाम न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि इसे डिटॉक्स भी करता है।


प्राणायाम के लाभ

आयुष मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, प्राणायाम से रक्त संचार में वृद्धि होती है, जो थकान को दूर करता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। आइए, जानते हैं तीन सरल प्राणायाम जो आपके दिन को तरोताजा कर सकते हैं।


कपालभाति

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इसे 'पाचन का रामबाण' कहा है। कपालभाति करने से फेफड़े साफ होते हैं और मांसपेशियों में सक्रियता आती है, जिससे आंतों में रक्त संचार बढ़ता है और पाचन एंजाइम बेहतर होते हैं। इससे गैस, कब्ज, एसिडिटी, और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। नियमित अभ्यास से भूख में सुधार होता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।


अनुलोम-विलोम

आयुष मंत्रालय के अनुसार, अनुलोम-विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम) करने से शरीर का अंदरूनी डिटॉक्स होता है। यह मन को शांत करने और चिंता व तनाव को कम करने में भी मदद करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है। रोज़ 10 मिनट का अभ्यास आपके मूड को सकारात्मक बना सकता है।


भस्त्रिका

आयुष मंत्रालय के अनुसार, भस्त्रिका एक ऐसा अभ्यास है जो शरीर की गहराई से सफाई करता है। यह शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे व्यक्ति हल्का और तरोताजा महसूस करता है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं—कफ, पित्त और वात। यदि ये असंतुलित हो जाएं, तो कई बीमारियाँ हो सकती हैं। भस्त्रिका प्राणायाम इन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है, पाचन को सुधारता है, सांस को बेहतर बनाता है और मन को शांत करता है।