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तमिलनाडु में दहेज उत्पीड़न के खिलाफ आत्मदाह की घटना ने उठाए गंभीर सवाल

तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में एक 32 वर्षीय महिला ने दहेज उत्पीड़न और यौन हिंसा के खिलाफ आत्मदाह कर लिया। इस घटना ने समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है। रंजीथा की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और समाज की प्रतिक्रिया।
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तमिलनाडु में दहेज उत्पीड़न के खिलाफ आत्मदाह की घटना ने उठाए गंभीर सवाल

दुखद घटना का विवरण

रामनाथपुरम, तमिलनाडु से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 32 वर्षीय रंजीथा ने अपने ससुर के कथित यौन उत्पीड़न और दहेज के लिए लंबे समय से हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आत्मदाह कर लिया। इस घटना ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है।


चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद मृत्यु

रंजीथा को 70% जलने के बाद मधुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन चिकित्सकों के सभी प्रयासों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनकी मृत्यु से पहले एक वीडियो में, उन्होंने कहा, "मेरे ससुर ने मुझे गलत तरीके से गले लगाया। मैं इसे सहन नहीं कर सकी, इसलिए मैंने खुद को आग लगा ली।" यह बयान उनकी पीड़ा और हताशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।


परिवार के आरोप और समर्थन

परिवार के गंभीर आरोप

रंजीथा के बेटे ने भी एक वीडियो में अपनी मां के यौन उत्पीड़न के आरोपों का समर्थन किया। उनकी बहन, अलागसुंदरी ने कहा, "उन्हें 13 साल से प्रताड़ित किया जा रहा था। ससुराल वाले जमीन और सोने की मांग करते थे। उनके पति शराब पीकर उन्हें मारते थे और चुप रहने के लिए कहते थे।"


पुलिस की कार्रवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया

पुलिस जांच और सामाजिक प्रतिक्रिया

स्थानीय पुलिस ने आत्महत्या का मामला दर्ज किया है और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहे हैं। हालांकि, दहेज उत्पीड़न के मामले में तकनीकी मुद्दे हैं, लेकिन हम सभी पहलुओं की जांच करेंगे।" इस घटना ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनता में आक्रोश पैदा किया है, जिन्होंने मामले की संवेदनशीलता से जांच की मांग की है।