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तमिलनाडु में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 4 की मौत और 5 घायल

तमिलनाडु के शिवकाशी के पास चिन्नकमनपत्ति में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट ने चार लोगों की जान ले ली और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज वीरुधुनगर सरकारी अस्पताल में चल रहा है। यह घटना पिछले साल की एक बड़ी दुर्घटना की याद दिलाती है, जिसमें भी कई लोगों की जान गई थी। फैक्ट्री में सुरक्षा उल्लंघनों की जानकारी सामने आई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। सिवकाशी को भारत की 'पटाखा राजधानी' माना जाता है, जहां हजारों फैक्ट्रियां कार्यरत हैं।
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तमिलनाडु में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 4 की मौत और 5 घायल

तमिलनाडु में भयानक विस्फोट

तमिलनाडु: शिवकाशी के निकट चिन्नकमनपत्ति में एक पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार को एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 4 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को वीरुधुनगर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।


पुलिस की जानकारी

वीरुधुनगर जिले के पुलिस अधीक्षक कन्नन ने मीडिया से बातचीत में बताया, 'इस विस्फोट में चार लोग मारे गए और पांच अन्य घायल हुए हैं। घायलों को उपचार के लिए वीरुधुनगर सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है। मामले की पूरी जानकारी अभी प्राप्त हो रही है।'


सुरक्षा खामियां उजागर

यह घटना पिछले वर्ष की एक बड़ी दुर्घटना की याद दिलाती है, जिसमें शिवकाशी की एक अन्य पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 10 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर फैक्ट्री का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में कई सुरक्षा उल्लंघनों और खतरनाक स्थितियों का पता चला था।


सुरक्षा उल्लंघन के कारण

फैक्ट्री को केवल ध्वनि उत्सर्जक पटाखे बनाने का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन निरीक्षण में यह पाया गया कि फैक्ट्री बिना आवश्यक संरचनात्मक सुविधाओं के फैंसी पटाखे बना रही थी। इसके अलावा, कच्चे माल को खुले क्षेत्रों में और शेड्स के बीच रखा जा रहा था, जिससे सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ। रंगीन पैलेट्स को धूप में सुखाने से आग लगने का खतरा भी बढ़ गया था।


भारत का पटाखा उद्योग

सिवकाशी, तमिलनाडु के वीरुधुनगर जिले का एक प्रमुख शहर है, जिसे भारत की 'पटाखा राजधानी' कहा जाता है। यहां की लगभग 8,000 फैक्ट्रियां देश में उत्पादित होने वाले पटाखों का 90 प्रतिशत हिस्सा बनाती हैं। इस उद्योग में लगभग 8 लाख लोग कार्यरत हैं।