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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 39 की मौत, 56 घायल

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और राजनेता विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 39 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हुए। विजय ने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी राहत राशि की घोषणा की और घटना की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। जानें इस त्रासदी के पीछे के कारण और विजय का संवेदनशील बयान।
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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 39 की मौत, 56 घायल

करूर में हुई त्रासदी

करूर भगदड़: तमिलनाडु के करूर में शनिवार शाम को अभिनेता और राजनेता विजय की रैली के दौरान एक भयानक भगदड़ में कम से कम 39 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हुए। इस दुखद घटना के बाद, विजय ने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने इसे एक अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि वे मृतकों और उनके परिवारों के बारे में लगातार सोचते रहेंगे।


विजय का संवेदनशील बयान

विजय का बयान

विजय ने कहा, "आप सभी के चेहरे, जिनसे मैं मिला हूं, मेरे मन में बार-बार आते रहते हैं। जितना अधिक मैं अपने प्रियजनों के बारे में सोचता हूं, उतना ही मेरा दिल दुखी होता है।" उन्होंने इस घटना को अपनी व्यक्तिगत त्रासदी बताते हुए कहा कि यह उनके मन में हमेशा के लिए अंकित रहेगा।


जांच आयोग का गठन

रिटायर हाईकोर्ट की निगरानी में होगी जांच

तमिलनाडु सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए 1 लाख रुपये की राहत राशि की घोषणा की है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य के इतिहास में किसी राजनीतिक कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं गई। उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने भगदड़ की जांच के लिए एक रिटायर हाईकोर्ट न्यायाधीश के नेतृत्व में आयोग गठित करने की घोषणा की। यह आयोग घटना के कारणों और जिम्मेदारियों का निर्धारण करेगा।


भगदड़ का कारण

क्यों मची भगदड़?

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रैली का कार्यक्रम शाम 3 बजे शुरू होना था, लेकिन विजय शाम 7.30 बजे पहुंचे। डीजीपी जी. वेंकटरमण ने बताया कि देरी के कारण पहले से मौजूद भीड़ असामान्य रूप से बढ़ गई थी। आयोजकों ने लगभग 10,000 लोगों के आने का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक संख्या लगभग तीन गुना अधिक, यानी 27,000 के करीब थी।


सुरक्षा की कमी

सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी

रैली स्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने कहा कि धूप में इंतजार कर रहे लोगों के लिए पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था नहीं थी। रैली दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक आयोजित होने वाली थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से जमा होने लगी थी। डीजीपी ने बताया कि जब विजय शाम 7.40 बजे पहुंचे, तब तक लोग कई घंटों से बिना पानी और भोजन के इंतजार कर रहे थे।