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तालिबान की नई ड्रोन सेना: पाकिस्तान के लिए बढ़ता खतरा

तालिबान ने अफगानिस्तान में एक नई और खतरनाक ड्रोन सेना विकसित की है, जो पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। इस ड्रोन फोर्स में कामिकेज ड्रोन शामिल हैं, जो पाकिस्तान के प्रमुख शहरों पर हमला करने में सक्षम हैं। तालिबान ने पूर्व ब्रिटिश एसएएस बेस को अपने ड्रोन परीक्षण का केंद्र बनाया है और इसके इंजीनियरों ने विदेशी सैन्य उपकरणों का अध्ययन कर अपनी तकनीक को विकसित किया है। यह नई सैन्य ताकत पाकिस्तान के लिए एक अप्रत्याशित चुनौती पेश कर सकती है, खासकर जब यह सीमा पार हमलों में सक्षम हो।
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तालिबान की नई ड्रोन सेना: पाकिस्तान के लिए बढ़ता खतरा

तालिबान की ड्रोन तकनीक का विकास

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक नया और गंभीर मोड़ आया है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तालिबान ने एक खतरनाक 'सुसाइड ड्रोन आर्मी' और कामिकेज ड्रोन एयरफोर्स का निर्माण किया है, जिसमें कुछ हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं। यह ड्रोन फोर्स इतनी सक्षम है कि यह पाकिस्तान के बड़े शहरों जैसे कराची, रावलपिंडी और इस्लामाबाद पर हमला कर सकती है.


ड्रोन परीक्षण का केंद्र

रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने अफगानिस्तान में पूर्व ब्रिटिश एसएएस बेस को अपने ड्रोन परीक्षण का मुख्य केंद्र बना लिया है। यह बेस पहले ब्रिटिश और अमेरिकी सेनाओं द्वारा उपयोग किया जाता था, लेकिन अब यह तालिबान के लिए एक गुप्त उत्पादन स्थल बन गया है। तालिबान के इंजीनियरों ने 2021 में विदेशी सेनाओं के अफगानिस्तान से निकलने के बाद छोड़े गए सैन्य उपकरणों का अध्ययन किया और अब इसका उपयोग अपनी ड्रोन तकनीक को विकसित करने में कर रहे हैं। इन ड्रोनों का डिज़ाइन अमेरिकी MQ9 रीपर और ईरानी शाहेद 136 ड्रोनों से मिलता-जुलता है, जो 24,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं और 660 पाउंड तक विस्फोटक ले जा सकते हैं.


कामिकेज ड्रोन की क्षमता

तालिबान ने इन कामिकेज ड्रोन का सफल परीक्षण लोअर प्रांत के पूर्व एसएएस बेस में किया है। ये ड्रोन न केवल अपने लक्ष्यों पर विस्फोट करने में सक्षम हैं, बल्कि लंबी दूरी तक हमला करने की क्षमता भी रखते हैं। तालिबान का यह ड्रोन कार्यक्रम पिछले दो वर्षों से विकसित किया जा रहा है और अब यह तेजी से अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है.


पाकिस्तान के लिए खतरा

तालिबान की यह नई सैन्य ताकत पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। हाल के वर्षों में तालिबान और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर सीमा पर झड़पों और आतंकवादी गतिविधियों के कारण। तालिबान ने पहले ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर ड्रोन हमलों का प्रदर्शन किया है, जिसने पाकिस्तानी सेना को सतर्क कर दिया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान इन ड्रोनों का उपयोग भारत, ईरान या चीन के खिलाफ करने की हिम्मत शायद न करे, लेकिन पाकिस्तान इसका आसान निशाना बन सकता है.


आतंकवाद की चुनौतियाँ

पाकिस्तान पहले से ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी समूहों से जूझ रहा है, जिन्हें अफगानिस्तान में तालिबान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन मिलने की आशंका है। तालिबान की यह ड्रोन फोर्स पाकिस्तान के लिए एक नई और अप्रत्याशित चुनौती पेश कर सकती है, खासकर जब यह सीमा पार हमलों में सक्षम हो.