तुलसी के तीन उपाय: मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए सरल उपाय

मृत्यु के भय से मुक्ति के उपाय
हर व्यक्ति के मन में कहीं न कहीं मृत्यु का डर छिपा होता है। लेकिन क्या होगा अगर कुछ सरल और पवित्र उपायों से इस भय से छुटकारा पाया जा सके? वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का मानना है कि तुलसी के तीन दिव्य उपायों को अपनाने से अकाल मृत्यु का डर समाप्त हो सकता है, और जीवन में सुख, शांति और सफलता अपने आप आ जाती है। आइए जानते हैं ये तीन चमत्कारी उपाय जो न केवल मृत्यु के भय को मिटाते हैं बल्कि भाग्य को भी संवारते हैं।
तुलसी की मंजरी
तुलसी की मंजरी, यानी उसका फूलों वाला भाग, भगवान को अत्यंत प्रिय है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से तुलसी की मंजरी भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण के चरणों में अर्पित करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता। ऐसे भक्तों की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं, और यमराज उन्हें छू भी नहीं सकते।
ऐसे करें उपयोग: प्रतिदिन सुबह स्नान कर शुद्ध होकर तुलसी की मंजरी भगवान को चढ़ाएं। मन में श्रद्धा और भयमुक्त जीवन की कामना करें।
तुलसी काष्ठ का चंदन
क्या आप जानते हैं, तुलसी की लकड़ी से बना चंदन क्यों खास है? तुलसी काष्ठ को घिसकर बनाया गया चंदन न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि यह कर्म बंधनों से मुक्ति भी प्रदान करता है। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जो व्यक्ति तुलसी काष्ठ का चंदन लगाता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, और उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
ऐसे करें उपयोग: तुलसी की लकड़ी प्राप्त कर उसे घिसकर चंदन तैयार करें। इसे माथे, ह्रदय या बाहों पर लगाएं। यह नकारात्मक ऊर्जा से भी सुरक्षा करता है।
तुलसी की छाया
हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को घर का संरक्षक माना जाता है। जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां की ऊर्जा सकारात्मक और पवित्र बनी रहती है। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जिस घर में तुलसी पूजन होता है और जहां उसकी छाया पड़ती है, वहां पितृ प्रसन्न रहते हैं, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और मानसिक शांति बनी रहती है।
ऐसे करें उपयोग: तुलसी का पौधा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं। प्रतिदिन तुलसी को जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। हर शुक्रवार तुलसी माता का विशेष पूजन करें।