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तेलंगाना की कालेश्वरम सिंचाई योजना की जांच के लिए दस्तावेज़ सौंपेगा विभाग

तेलंगाना का सिंचाई विभाग कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना से संबंधित सभी दस्तावेज़ न्यायिक जांच आयोग को सौंपने की तैयारी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में चल रही इस जांच में परियोजना में हुई अनियमितताओं और डिजाइन की खामियों की जांच की जा रही है। आयोग ने विभाग को दस्तावेज़ जमा करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है, और रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा 100 दिन है। यह कदम परियोजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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तेलंगाना की कालेश्वरम सिंचाई योजना की जांच के लिए दस्तावेज़ सौंपेगा विभाग

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना की जांच

तेलंगाना का सिंचाई विभाग अब कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना (KLIS) से संबंधित सभी जानकारियाँ न्यायिक जांच आयोग को सौंपने की तैयारी कर रहा है। इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस पी.सी. घोष कर रहे हैं, जो इस परियोजना में संभावित अनियमितताओं, डिजाइन में खामियों और लागत में वृद्धि की जांच कर रहे हैं।
सिंचाई विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह परियोजना के आरंभ से अब तक के सभी दस्तावेज़ आयोग को उपलब्ध कराए। इसमें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR), तकनीकी डिजाइन, ठेकेदारों के साथ हुए समझौतों, निविदा प्रक्रिया के दस्तावेज़, भूमि अधिग्रहण की जानकारी और ठेकेदारों को किए गए भुगतान का पूरा रिकॉर्ड शामिल है।
यह जांच विशेष रूप से मेडिगड्डा, अन्नारम और सुंडिल्ला बैराजों पर केंद्रित है, जहां पिलर धंसने और संरचनात्मक क्षति की घटनाएँ सामने आई हैं। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद पूर्व बीआरएस सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की जांच के लिए आयोग का गठन किया था।
आयोग ने सिंचाई विभाग को प्रारंभिक दस्तावेज़ जमा करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है। आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए 100 दिनों की समय सीमा दी गई है, लेकिन जांच के दायरे को देखते हुए इसे बढ़ाया भी जा सकता है। यह कदम परियोजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।