दवा लेते समय जूस का सेवन क्यों है खतरनाक?

दवा और जूस का संयोजन: स्वास्थ्य पर प्रभाव
स्वास्थ्य कार्नर: कई लोग मानते हैं कि जूस के साथ दवा लेना लाभकारी होता है, लेकिन यह धारणा गलत है। खट्टे फलों जैसे संतरे, मौसमी और अन्नानास का जूस दवा के साथ लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हाल ही में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटारियो ने इस बात की पुष्टि की है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी सलाह दी है कि अंगूर के जूस के साथ दवा का सेवन न करें।
खट्टे फलों का जूस दवा के प्रभाव को कैसे प्रभावित करता है:
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं, जैसे सेटिटिंस, जब खट्टे फलों के जूस के साथ ली जाती हैं, तो छोटी आंत में एंजाइम नष्ट हो जाते हैं। इससे दवा का अवशोषण बढ़ जाता है, जिससे ओवरडोज का खतरा बढ़ता है। इसी तरह, एलर्जी की दवा एलेजरा का अंगूर के जूस के साथ सेवन करने से शरीर में पीएच स्तर बढ़ जाता है, जिससे दवा का प्रभाव कम हो जाता है।
दवा लेने का सही तरीका:
दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार पानी के साथ लें। जूस या सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ दवा का सेवन न करें। दवा को खाली पेट या खाने के बाद लिया जा सकता है, लेकिन दोनों के बीच 30 मिनट का अंतर होना चाहिए। आमतौर पर, थायराइड, टीबी और गैस की दवाएं खाली पेट ली जाती हैं, जबकि एंटीबायोटिक्स, पेन किलर और हार्ट या बीपी की दवाएं खाने के बाद ली जाती हैं।
दवा के रिएक्शन को पहचानें:
अगर शरीर दवा के प्रति संवेदनशील है या गलत तरीके से दवा ली गई है, तो रिएक्शन हो सकता है। इसके लक्षणों में चेहरे, होंठ या आंखों की पुतलियों में सूजन, खुजली, दाने, सांस लेने में कठिनाई, मिचली, डायरिया और पेट दर्द शामिल हैं।
दवा की संवेदनशीलता की जांच करें:
दवा की एक चौथाई मात्रा का सेवन करें और 30 मिनट तक निगरानी रखें। अगर कोई रिएक्शन नहीं होता है, तो पूरी डोज ले सकते हैं। रिएक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ध्यान देने योग्य बातें:
एस्प्रिन को खाली पेट न लें, क्योंकि यह आंत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन युक्त दवाएं दूध या डेयरी उत्पादों के साथ न लें, क्योंकि ये एंटीबैक्टीरियल एजेंट के अवशोषण को कम कर सकती हैं। खून पतला करने वाली दवाओं, हर्बल दवाओं और ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव दवाओं के बीच 30 मिनट का अंतर रखें।