दही के स्वास्थ्य लाभ: सही समय और तरीके से करें सेवन

दही का महत्व और सेवन के नियम
नई दिल्ली: दही, जो हमारे रसोईघर का एक आम हिस्सा है, स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। हालांकि, इसका सही समय, मात्रा और तरीका जानना आवश्यक है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों इस बात पर सहमत हैं कि दही का सेवन कुछ विशेष नियमों के अनुसार करना चाहिए, अन्यथा यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, दही की ठंडी प्रकृति होती है, जिससे यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसलिए, इसे दिन के समय, विशेषकर दोपहर में खाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस समय हमारी पाचन क्षमता उच्चतम होती है, जिससे दही के पोषक तत्वों का अवशोषण आसानी से होता है। दोपहर में दही खाने से यह पेट को ठंडक देता है, पाचन में सुधार करता है और ऊर्जा भी प्रदान करता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यदि आप दही में थोड़ा भुना जीरा मिलाते हैं, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है, जो गैस और अपच में राहत देता है।
यदि आप रोजाना एक बार दही का सेवन करते हैं, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिला सकता है। यह शरीर को ठंडा रखता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। दही का उपयोग बालों में करने से रूसी कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा, यह वजन घटाने में भी सहायक होता है, क्योंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ओवरईटिंग से बचाता है।
हालांकि, दही का सेवन करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए। रात के समय शरीर का तापमान कम होता है, और दही की ठंडी तासीर कफ को बढ़ा सकती है, जिससे सर्दी, खांसी और साइनस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से ठंड के मौसम में या जिन लोगों को पहले से ही सांस या सर्दी की समस्या है, उन्हें रात में दही से बचना चाहिए।