दिल की सेहत के लिए योगासन: युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए

दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा
नई दिल्ली: आजकल की तेज़ रफ्तार जीवनशैली में दिल की बीमारियाँ अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई हैं। काम का बढ़ता दबाव, बदलती जीवनशैली और असंतुलित आहार के कारण युवा और किशोर भी हृदय संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालिया शोध में यह सामने आया है कि हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में, कुछ सरल आदतों को अपनाना इस खतरे को कम करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण उपाय है 'योगासन'।
योग के लाभ
आयुष मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर योग के फायदों की जानकारी साझा की है। नियमित योगाभ्यास हृदय को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है, जो हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण है।
योगासन के प्रकार
ताड़ासन: यह एक सरल लेकिन प्रभावी योगासन है जो शरीर को खींचता है और संतुलन बढ़ाता है। ताड़ासन से छाती की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है।
मार्जरीआसन: इस आसन में शरीर की मुद्रा बिल्ली जैसी होती है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर की चर्बी को कम करता है।
त्रिकोणासन: यह आसन कई प्रमुख मांसपेशियों को सक्रिय करता है और तनाव को कम करता है।
वीरभद्रासन: यह आसन शरीर की ताकत और लचीलापन बढ़ाता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है।
उत्कटासन: यह कंधों, पीठ और पैरों को मजबूत बनाता है और रक्त संचार को तेज करता है।