दिल्ली में कोरोना से टीबी मरीजों की मौत: जानें क्या है खतरा

कोरोना का बढ़ता खतरा
Covid-19 Alert: दिल्ली में कोरोना वायरस के कारण चौथी मौत की खबर आई है। राजधानी में कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। पिछले दिन 44 नए मामले सामने आए, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या 480 हो गई है। हाल ही में जिन मरीजों में से एक की मृत्यु हुई, वह 22 वर्षीय युवती थी, जिसे कोरोना के साथ-साथ टीबी भी था। वह पहले से ही टीबी से ग्रसित थी, और इसके बाद उसे कोरोना संक्रमण हुआ। इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या टीबी के मरीजों के लिए कोरोना संक्रमण सामान्य लोगों की तुलना में अधिक खतरनाक है।
युवती की स्वास्थ्य स्थिति
दिल्ली की 22 वर्षीय युवती को पहले से ही टीबी की समस्या थी, जिसके कारण उसके दोनों फेफड़ों में संक्रमण हो गया था। डॉक्टरों के अनुसार, फेफड़ों के नुकसान और कोरोना संक्रमण के कारण उसकी इम्यूनिटी कमजोर हो गई, जो उसकी मृत्यु का मुख्य कारण बनी।
विशेषज्ञों की राय
रांची के रिम्स अस्पताल के न्यूरो और स्पाइन सर्जन ने बताया कि टीबी एक गंभीर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है, और कोरोना भी इसी प्रकार की बीमारी है। यदि किसी व्यक्ति को दोनों बीमारियाँ एक साथ होती हैं, तो उनकी जान का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। टीबी के मरीजों की इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है, जिससे उन्हें लॉन्ग कोविड होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
अन्य बीमारियों के साथ टीबी का जोखिम
डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज डिजीज जैसे एड्स, कैंसर, या टीबी है, तो उन्हें कोरोना से बचना अत्यंत आवश्यक है। इन व्यक्तियों की इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर होती है, जिससे एक और बीमारी का सामना करना उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
बचाव के उपाय
- टीकाकरण पूरा करें, और बूस्टर डोज अवश्य लें।
- हर 3 से 6 महीने में बूस्टर डोज लगवाएं।
- N95 मास्क का उपयोग करें।
- इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जिंक, विटामिन सी और डी युक्त आहार लें।
- संक्रमित क्षेत्रों और भीड़-भाड़ से दूर रहें।
- हाथों की नियमित सफाई करें।
- घर में धूल-मिट्टी न जमने दें।
- दवाओं का नियमित सेवन करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- गहरी सांसों वाले व्यायाम करें।