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दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में गिरावट, AQI 400 के पार

दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट आई है, जहां AQI 400 के पार पहुंच गया है। पटाखों के धुएं और अन्य प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में।
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दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में गिरावट, AQI 400 के पार

दिल्ली में दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट

दिल्ली में दिवाली के बाद हवा की स्थिति गंभीर: नई दिल्ली | दिवाली के जश्न के बाद, दिल्ली की हवा अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। पटाखों के धुएं और अन्य प्रदूषण के कारण राजधानी की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है।


वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाले अधिकांश स्टेशनों ने AQI को ‘रेड जोन’ में दर्ज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बार रात 8 से 10 बजे तक केवल ‘ग्रीन पटाखों’ के उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन रात भर पटाखों की आवाजें सुनाई दीं। आइए, दिल्ली की इस गंभीर वायु गुणवत्ता को समझते हैं।


36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता ‘रेड जोन’ में

एक समाचार स्रोत के अनुसार, दिल्ली के 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता को ‘रेड जोन’ में मापा, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर को दर्शाता है। रात 10 बजे दिल्ली का औसत AQI 344 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।


चार स्टेशनों—द्वारका (417), अशोक विहार (404), वजीरपुर (423) और आनंद विहार (404)—पर AQI 400 से ऊपर यानी ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया।


AQI का अर्थ और स्वास्थ्य पर प्रभाव

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, AQI को इस प्रकार समझा जा सकता है: 0-50 ‘अच्छा’, 51-100 ‘संतोषजनक’, 101-200 ‘मध्यम’, 201-300 ‘खराब’, 301-400 ‘बहुत खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’। दिल्ली में कई स्थानों पर AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने से सांस लेने में कठिनाई और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं।


प्रदूषण के मुख्य कारण

निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में प्रदूषण में परिवहन उत्सर्जन का योगदान 15.6% और उद्योगों समेत अन्य कारकों का 23.3% था। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-2) के तहत पाबंदियां लागू की हैं, लेकिन अभी तक कोई विशेष सुधार नहीं दिखा।


ग्रीन पटाखों का उपयोग

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की शर्तों के साथ अनुमति दी थी। इसके तहत दिवाली से एक दिन पहले और त्योहार के दिन सुबह 6 से शाम 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति थी। लेकिन नियमों की अनदेखी ने हवा को और भी जहरीला बना दिया।