दिल्ली में दीपोत्सव: आस्था और आधुनिकता का संगम

दीपोत्सव का भव्य आयोजन
-सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में लाखों दीये एकसाथ जगमगाए राजधानी में
-कर्तव्य पथ पर आस्था और आधुनिकता का अद्भुत संगम: सीएम रेखा गुप्ता
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में दिल्ली ने एक नया अध्याय लिखा है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या की तर्ज पर, पहली बार कर्तव्य पथ पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दीपोत्सव केवल दीपों का उत्सव नहीं है, बल्कि एक नई क्रांति की शुरुआत है। दिल्ली ने यह साबित कर दिया है कि वह केवल शासन की राजधानी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का केंद्र भी है। श्रीराम के जीवन का ड्रोन प्रदर्शन और दीपों का महासागर इस बात का प्रतीक है कि दिल्ली अब सनातन परंपरा के साथ आगे बढ़ रही है। आजादी के बाद पहली बार कर्तव्य पथ पर सामूहिक रूप से दीपावली मनाई गई है।
इस आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडल के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए, जबकि हजारों दिल्लीवासियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कर्तव्य पथ पर दीपोत्सव में भव्य ड्रोन शो, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और रामायण थीम पर आधारित लाइट शो ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कार्यक्रम में भावुक होकर कहा कि वर्षों बाद दिल्ली का हृदय दीपों की रोशनी से जगमगा उठा है। यह केवल रोशनी का उत्सव नहीं, बल्कि नई ऊर्जा, नई उम्मीद और नई दिशा का प्रतीक है। इस बार की दिवाली हर वर्ग तक पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से दिल्ली का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली बच्चों के चेहरों पर मुस्कान है, महिलाओं के घर में बचत है, युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं, बुजुर्गों को स्वास्थ्य का भरोसा है, और हर नागरिक को अपने शहर पर गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि प्रभु श्रीराम की कृपा से दिल्ली में रामराज्य की स्थापना हो, जहां हर नागरिक को समान अवसर, सुरक्षा और सम्मान मिले। दिल्ली की सरकार जनता की सरकार है, और हम जनता के सेवक हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि कर्तव्य पथ पर आयोजित इस दीपोत्सव की खासियत यह रही कि पहली बार ड्रोन शो के माध्यम से भगवान श्रीराम के जीवन को आकाश में प्रदर्शित किया गया। हजारों ड्रोन से सुसज्जित इस दृश्य ने रामायण की पवित्र गाथा को आधुनिक तकनीक के माध्यम से जीवंत कर दिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों का यह दृश्य श्रद्धालुओं को भावविभोर कर गया और यह संदेश दिया कि भारत की परंपराएं आधुनिकता के साथ समरसता से आगे बढ़ सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह पर्व दीपों के माध्यम से उजियारे का प्रतीक बन गया। यह पर्व धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। परिवार, समाज और राष्ट्र के स्तर पर यह उत्सव हमें एक-दूसरे से जोड़ता है और अंधकार को मिटाकर उम्मीद और सद्भाव के दीप जलाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का यह आयोजन विशेष है। अब तक दीपोत्सव का भव्य आयोजन अयोध्या में होता था, लेकिन पहली बार दिल्ली ने भी इस गौरवमयी परंपरा को अपने आंगन में साकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दिल्ली न केवल प्रशासनिक राजधानी रहे, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी भारत की आत्मा को प्रतिबिंबित करे। दीपावली का यह आयोजन दिल्ली को आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव की दिशा में एक नई पहचान देगा।