दिल्ली में नया मेट्रो कॉरिडोर: लाजपत नगर से साकेत G ब्लॉक तक

दिल्ली के लिए एक नई मेट्रो सुविधा
दिल्लीवासियों के लिए एक और महत्वपूर्ण समाचार आया है। राजधानी में मेट्रो के चौथे चरण के तहत एक नया कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जो लाजपत नगर को साकेत G ब्लॉक से जोड़ेगा। इस नए मार्ग से दक्षिणी दिल्ली के लाखों यात्रियों को लाभ होगा और शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी।
नया कॉरिडोर और स्टेशन
रेल मंत्रालय और रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने बताया कि यह नया मेट्रो कॉरिडोर पूरी तरह से ऊंचाई पर होगा और इसमें सात स्टेशन शामिल होंगे। इसमें साकेत G ब्लॉक, पुष्प विहार, साकेत जिला केंद्र, पुष्प भवन, चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश-1, एंड्रूज गंज और लाजपत नगर शामिल हैं। इस पूरे मार्ग पर ऊंचे वायडक्ट का निर्माण किया जाएगा, जिससे यातायात में रुकावट नहीं आएगी और निर्माण कार्य भी सुचारू रहेगा।
प्रोजेक्ट की लागत और ट्रेन संचालन
लागत 447 करोड़ रुपये, छोटी ट्रेनों का संचालन
इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 447.42 करोड़ रुपये है। खास बात यह है कि इस रूट पर तीन डिब्बों वाली छोटी मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी। हर कोच की क्षमता लगभग 300 यात्रियों की होगी। चूंकि ट्रेनें छोटी होंगी, इसलिए स्टेशनों की लंबाई भी केवल 74 मीटर होगी, जो सामान्य मेट्रो स्टेशनों से कम है। इससे निर्माण लागत और समय दोनों में बचत होगी और भविष्य में रखरखाव भी आसान होगा।
RVNL की पहली बार जिम्मेदारी
पहली बार दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट में RVNL को जिम्मेदारी
यह पहली बार है जब दिल्ली मेट्रो का कोई प्रोजेक्ट RVNL को सौंपा गया है। यह सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम रेल मंत्रालय के अधीन काम करता है और देश के आठ से अधिक शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर चुका है। अब दिल्ली में भी इसका अनुभव और तकनीकी दक्षता का उपयोग किया जाएगा। इस पहल से मेट्रो विस्तार का कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा।
सुरक्षित और टिकाऊ परिवहन प्रणाली
राजधानी को मिलेगा आधुनिक और टिकाऊ ट्रांसपोर्ट सिस्टम
RVNL के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गौड़ ने कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल दिल्ली के भविष्य के शहरी ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि एक सुरक्षित, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी प्रदान करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि यह कॉरिडोर समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के विजन को आगे बढ़ाते हुए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।