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दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर, जानें अन्य शहरों के रेट

दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 18 सितंबर 2025 को स्थिर रहीं, जिससे आम जनता को राहत मिली है। अन्य प्रमुख शहरों में भी ईंधन की कीमतें अपरिवर्तित हैं। जानें कि विभिन्न शहरों में कीमतों में भिन्नता का कारण क्या है और यह स्थिरता महंगाई पर कैसे प्रभाव डालती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भविष्य में ईंधन की कीमतों पर पड़ सकता है।
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दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर, जानें अन्य शहरों के रेट

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं

पेट्रोल डीजल की कीमतें आज: दिल्ली में 18 सितंबर 2025 को पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित रहीं। तेल विपणन कंपनियों ने सुबह 6 बजे नए रेट जारी किए। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 88.67 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है। यह स्थिरता आम जनता के लिए एक राहत की खबर है। 


अन्य प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतें

देश के अन्य बड़े शहरों में भी ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। मुंबई में पेट्रोल 103.50 रुपये और डीजल 90.03 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये और डीजल 92.02 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में पेट्रोल 101.03 रुपये और डीजल 92.61 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। हैदराबाद में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक 107.46 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 95.70 रुपये प्रति लीटर है। चंडीगढ़ में डीजल की कीमत सबसे कम 82.45 रुपये प्रति लीटर है। बैंगलोर में डीजल की कीमत में 0.29 रुपये की मामूली वृद्धि हुई है, जबकि जयपुर और भुवनेश्वर में कीमतें स्थिर हैं। 


कीमतों में भिन्नता का कारण

हर शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं, जिसका मुख्य कारण राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला वैट (मूल्य वर्धित कर) है। दिल्ली में वैट की दर कम होने के कारण कीमतें मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों की तुलना में कम हैं। केंद्र सरकार ईंधन पर उत्पाद शुल्क वसूलती है, जबकि राज्य वैट के माध्यम से राजस्व प्राप्त करते हैं। ईंधन की कीमतें जीएसटी के दायरे में नहीं आतीं, जिससे राज्यों को वैट से अच्छा-खासा राजस्व मिलता है। तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों, विनिमय दरों, और लॉजिस्टिक्स लागत के आधार पर ईंधन की कीमतें निर्धारित करती हैं। 2017 से पहले हर 15 दिन में कीमतों की समीक्षा होती थी, लेकिन अब हर सुबह 6 बजे नई कीमतें जारी की जाती हैं। यह व्यवस्था वैश्विक बाजार की गतिशीलता के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए शुरू की गई। कीमतें आधार मूल्य और अधिकतम मूल्य के आधार पर तय होती हैं, जिन पर डीलर और तेल कंपनियां लेन-देन करती हैं। 


महंगाई पर नियंत्रण की कोशिश

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता से आम जनता को राहत मिली है। ईंधन की कीमतें परिवहन, माल ढुलाई और रोजमर्रा की जरूरतों को प्रभावित करती हैं। कीमतों में स्थिरता से महंगाई पर भी अस्थायी नियंत्रण बना रहता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर भविष्य में ईंधन की कीमतों पर पड़ सकता है। फिलहाल, कीमतों में स्थिरता से उपभोक्ताओं को राहत है, लेकिन तेल कंपनियां और सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।