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दिल्ली में प्रदूषण: एयर प्यूरीफायर के रखरखाव की महत्वपूर्ण जानकारी

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के बीच, एयर प्यूरीफायर की आवश्यकता बढ़ गई है। इस लेख में, हम एयर प्यूरीफायर के फ़िल्टर की देखभाल, बदलने का सही समय और लागत के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। जानें कि कैसे सही फ़िल्टर का चुनाव और नियमित रखरखाव आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
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दिल्ली में प्रदूषण: एयर प्यूरीफायर के रखरखाव की महत्वपूर्ण जानकारी

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली एक बार फिर से गंभीर प्रदूषण की समस्या का सामना कर रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 459 के स्तर पर पहुंच गया है, जो कि 'सीवियर' श्रेणी में आता है। इस प्रकार की हवा फेफड़ों, आंखों और हृदय से संबंधित गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। यही कारण है कि दिल्ली-एनसीआर और अन्य बड़े शहरों में एयर प्यूरीफायर अब एक आवश्यकता बन गए हैं।


एयर प्यूरीफायर के फ़िल्टर का महत्व

क्या आपने कभी सोचा है कि एयर प्यूरीफायर खरीदने के बाद असली खर्च कहां आता है? इसका उत्तर है फ़िल्टर में। बढ़ते प्रदूषण के बीच, एयर प्यूरीफायर अब घरों का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। यह उपकरण लगातार हवा को खींचता है और उसमें मौजूद धूल, धुआं, पराग, बैक्टीरिया और सूक्ष्म कणों को फ़िल्टर में रोकता है। समय के साथ, यह गंदगी फ़िल्टर पर जमा हो जाती है, जिससे इसकी कार्यक्षमता में कमी आती है। यदि फ़िल्टर की देखभाल या समय पर बदलाव नहीं किया गया, तो प्यूरीफायर का उद्देश्य अधूरा रह जाता है। इसलिए, एयर प्यूरीफायर खरीदते समय उसकी कीमत के साथ-साथ मेंटेनेंस खर्च को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।


फ़िल्टर की समय पर देखभाल

जब फ़िल्टर अत्यधिक गंदा हो जाता है, तो हवा का प्रवाह बाधित होता है। इससे मशीन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और बिजली की खपत भी बढ़ सकती है। कुछ मामलों में, अंदर जमा नमी और धूल बैक्टीरिया को पनपने का अवसर देती है, जिससे प्यूरीफायर साफ हवा देने के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक अनदेखी करने पर मोटर की उम्र भी कम हो सकती है। इसलिए फ़िल्टर की स्थिति पर ध्यान देना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि मशीन का नियमित उपयोग।


फ़िल्टर बदलने का सही समय

एयर प्यूरीफायर फ़िल्टर की उम्र उसके उपयोग और आसपास के प्रदूषण स्तर पर निर्भर करती है। यदि प्यूरीफायर रोज़ाना लंबे समय तक चलता है, तो औसतन फ़िल्टर को 3 महीने में बदलने की आवश्यकता होती है। वहीं, यदि इसे कम प्रदूषण वाले माहौल में या बीच-बीच में उपयोग किया जाता है, तो वही फ़िल्टर 5-6 महीने तक भी चल सकता है। विभिन्न ब्रांड और मॉडल की फ़िल्टर लाइफ अलग-अलग होती है, और कुछ कंपनियां फ़िल्टर बदलने का अलर्ट भी देती हैं।


फ़िल्टर बदलने की लागत

वास्तव में, एयर प्यूरीफायर का सबसे बड़ा खर्च उसके रिप्लेसमेंट फ़िल्टर पर होता है। लगातार उपयोग के कारण फ़िल्टर जल्दी गंदा हो जाता है, और अधिकांश कंपनियां इसे हर तीन महीने में बदलने की सलाह देती हैं। बड़े और प्रीमियम ब्रांड्स के HEPA या मल्टी-लेयर फ़िल्टर की कीमत ₹5,000 से ₹6,000 तक हो सकती है। हालांकि, बाजार में ऐसे किफायती मॉडल भी उपलब्ध हैं जिनके फ़िल्टर ₹1,000–₹2,000 के दायरे में मिलते हैं।


प्री-फ़िल्टर का महत्व

एयर प्यूरीफायर आमतौर पर फर्श पर रखा जाता है, जहां धूल और बड़े कण सबसे अधिक होते हैं। इस स्थिति में, क्लॉथ प्री-फ़िल्टर वाला मॉडल लेना फायदेमंद होता है। प्री-फ़िल्टर एक धुलने योग्य कपड़े की परत होती है, जो बड़े धूलकणों और पालतू जानवरों के बालों को अंदर जाने से रोकती है। इससे मुख्य HEPA या कार्बन फ़िल्टर पर कम दबाव पड़ता है और उसकी उम्र बढ़ जाती है।


फ़िल्टर की सफाई के तरीके

यदि आपके प्यूरीफायर में वॉशेबल फ़िल्टर है, तो उसकी उम्र बढ़ाना आसान है। ऐसे फ़िल्टर को हल्के साबुन मिले गुनगुने पानी में भिगोकर धीरे-धीरे साफ करें। तेज़ रगड़ या ब्रश का उपयोग न करें, खासकर HEPA फ़िल्टर के साथ। नॉन-वॉशेबल फ़िल्टर के लिए, केवल सूखे कपड़े से धूल हटाएं और हल्के से थपथपाकर अंदर फंसे कण निकालने का प्रयास करें।


खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

दिल्ली जैसे शहरों में, जहां AQI अक्सर 'सीवियर' स्तर तक पहुंचता है, एयर प्यूरीफायर की आवश्यकता बढ़ गई है। मशीन खरीदते समय उसकी कीमत के साथ-साथ फ़िल्टर लाइफ, रिप्लेसमेंट खर्च और प्री-फ़िल्टर जैसे फीचर्स पर ध्यान देना आवश्यक है। सही जानकारी के साथ लिया गया निर्णय आपको लंबे समय तक साफ हवा और बेहतर स्वास्थ्य का लाभ देगा।