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दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए एयर प्यूरीफायर का महत्व: जानें किसे चाहिए?

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो रहा है। एयर प्यूरीफायर अब हर घर की आवश्यकता बन गया है, खासकर उन परिवारों के लिए जहां छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग हैं। जानें कि एयर प्यूरीफायर किसे लगवाना चाहिए और प्रदूषण से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इस लेख में प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और एयर प्यूरीफायर के महत्व पर चर्चा की गई है।
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दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए एयर प्यूरीफायर का महत्व: जानें किसे चाहिए?

प्रदूषण की गंभीरता


नई दिल्ली: भारत के कई क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है, विशेषकर दिल्ली और एनसीआर में। यहां हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई है कि सांस लेना भी कठिन हो गया है। कई स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के स्तर को पार कर चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है। यह प्रदूषण केवल सांस संबंधी समस्याएं नहीं लाता, बल्कि आंखों और त्वचा को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में, हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग अब अनिवार्य हो गया है।


एयर प्यूरीफायर की आवश्यकता

जब AQI का स्तर इतना ऊंचा हो, तो न केवल बाहरी हवा, बल्कि घर के अंदर भी हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। ऐसे में, एयर प्यूरीफायर का उपयोग एक आवश्यक उपकरण बन गया है, और अब इसे कार्यालयों में भी स्थापित किया जाने लगा है। यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों, धूल, धुएं और बैक्टीरिया को फ़िल्टर करता है, जिससे शुद्ध हवा मिलती है। आइए जानते हैं कि किन लोगों को अपने घर में एयर प्यूरीफायर लगवाना चाहिए।


किसे एयर प्यूरीफायर लगवाना चाहिए?

फेलिक्स हॉस्पिटल के CMD, डॉक्टर डीके गुप्ता के अनुसार, प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण एयर प्यूरीफायर अब हर घर की आवश्यकता बन गया है। विशेष रूप से उन घरों में जहां 10 साल तक के बच्चे हैं, क्योंकि बच्चों के फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। यदि बच्चे प्रदूषित हवा में रहते हैं, तो उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, यदि आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आप इसे खरीदने की क्षमता रखते हैं, तो एयर प्यूरीफायर लगवाना चाहिए।


प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

डॉक्टर के अनुसार, प्रदूषण का बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यदि बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए, तो उन्हें भविष्य में सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज), अस्थमा और अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि लंग्स कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए, एयर प्यूरीफायर एक सुरक्षा उपकरण के रूप में कार्य करता है।


किसके लिए एयर प्यूरीफायर अनिवार्य है?

यदि आपके घर में बच्चों के अलावा बुजुर्ग लोग, अस्थमा या एलर्जी से ग्रस्त व्यक्ति हैं, तो एयर प्यूरीफायर लगवाना और भी आवश्यक हो जाता है। प्रदूषण के कारण इन लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं। एयर प्यूरीफायर न केवल प्रदूषण से बचाता है, बल्कि यह पालतू जानवरों के बाल, बैक्टीरिया, वायरस और रसोई में निकलने वाले धुएं से भी सुरक्षा प्रदान करता है।


प्रदूषण से बचने के उपाय

प्रदूषण के समय में कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतना आवश्यक है:


बाहर कम से कम निकलें: प्रदूषण के दौरान सुबह और शाम के समय बाहर नहीं निकलना चाहिए, खासकर यदि आपकी इम्यूनिटी कमजोर है।


रोजाना एक्सरसाइज करें: ब्रीदिंग एक्सरसाइज और योग फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह शरीर को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने में सहायक होते हैं।


N95 मास्क का उपयोग करें: यदि आपको बाहर जाना पड़े, तो हमेशा N95 मास्क पहनें, जो प्रदूषण को रोकने में मदद करता है।


स्वस्थ आहार अपनाएं: अच्छे स्वास्थ्य के लिए फल, पानी, ताजे जूस और सूप का सेवन करें। यह शरीर को हाइड्रेट रखते हुए इम्यूनिटी को मजबूत करता है।


अच्छी नींद लें: कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है, ताकि शरीर खुद को ठीक से रिपेयर कर सके।


इंडोर प्लांट्स लगाएं: घर में हवा को शुद्ध रखने के लिए कुछ इंडोर प्लांट्स जैसे मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और एलोवेरा लगाए जा सकते हैं।


स्वास्थ्य की निगरानी करें: यदि घर में कोई अस्थमा या डायबिटीज का मरीज है, तो उसकी सेहत की नियमित निगरानी करनी चाहिए। किसी भी समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।