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दिल्ली में मानसून के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

दिल्ली में मानसून के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन ने सभी एजेंसियों को सतर्क रहने और स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी दी है कि जलस्तर 206 मीटर के पार जा सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। जानें प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं और लोगों से क्या अपील की गई है।
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दिल्ली में मानसून के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने की चिंता

दिल्ली में मानसून के प्रभाव से नदियों का जलस्तर एक बार फिर चिंता का विषय बन गया है। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और अगले दो दिनों में यह खतरे के स्तर को पार कर सकता है। प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।


बाढ़ नियंत्रण विभाग की रिपोर्ट

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, रविवार को हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगभग 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह पानी दिल्ली तक पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है। विभाग का कहना है कि इस भारी जलप्रवाह के कारण यमुना का स्तर लगातार बढ़ रहा है और 19 अगस्त की सुबह तक यह 206 मीटर के पार पहुंच सकता है। दिल्ली में 204.50 मीटर पर चेतावनी स्तर, 205.33 मीटर पर खतरे का स्तर और 206 मीटर पर निकासी प्रक्रिया शुरू होती है।


सरकार ने जारी किया अलर्ट

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए

दिल्ली सरकार और केंद्रीय बाढ़ कक्ष ने एक एडवाइजरी जारी की है। अधिकारियों ने बताया कि वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे खतरा और बढ़ गया है। सरकार ने कहा है कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।


जलस्तर की निगरानी

निगरानी के लिए महत्वपूर्ण केंद्र

पुराना रेलवे पुल यमुना के जलस्तर की निगरानी का एक प्रमुख केंद्र है। यहां लगातार माप कर स्थिति का आकलन किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, वजीराबाद से हर घंटे लगभग 45,620 क्यूसेक और हथिनीकुंड से लगभग 38,897 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस प्रवाह के कारण अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे।


बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका

संभावित बाढ़ की चेतावनी

यदि यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर जाता है, तो दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रशासन ने पहले से ही राहत-बचाव दल को तैयार रहने का निर्देश दिया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत निकासी अभियान शुरू किया जाएगा। साथ ही, सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।