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दिल्ली में शिक्षा सुधार की नई पहल: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विजन

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए नई योजनाओं का खुलासा किया है। उन्होंने शहीद सुखदेव कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए बताया कि पिछले 12 वर्षों में कोई नया कॉलेज नहीं खोला गया है। सरकार ने 500 नई सीटें जोड़ने का निर्णय लिया है और शिक्षा को दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखने की बात कही है। इसके साथ ही, निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक नया विधेयक लाने की योजना है। जानें और क्या बदलाव आने वाले हैं।
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दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता

दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को शहीद सुखदेव कॉलेज में छात्रों और शिक्षकों के समक्ष अपनी योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने दिल्ली को शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बनाने की इच्छा व्यक्त की और पिछले वर्षों में हुई नीतिगत कमियों की आलोचना की।


मुख्यमंत्री ने बताया कि दाखिले के दौरान छात्रों और उनके अभिभावकों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वह इस बात का संकेत है कि नई शैक्षणिक संस्थानों की आवश्यकता है। पिछले 12 वर्षों में दिल्ली में कोई नया कॉलेज नहीं खोला गया है, जबकि छात्रों की संख्या और प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। इस संदर्भ में, सरकार ने शहीद सुखदेव कॉलेज में 500 नई सीटें जोड़ने का निर्णय लिया है।


सीएम गुप्ता ने कहा कि सरकार शिक्षा को केवल खर्च के रूप में नहीं, बल्कि एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में देखती है। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहा कि यह वह समय होता है जब युवाओं की नींव मजबूत होती है। उन्हें गर्व है कि कॉलेज के छात्र अब बड़ी कंपनियों में अच्छे रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।


सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली न केवल देश के युवाओं के लिए एक शैक्षणिक गंतव्य बने, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों के कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी और शिक्षा क्षेत्र में विकास की गति धीमी हो गई थी, जिसे अब तेज करने की आवश्यकता है।


इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक नए शिक्षा विधेयक की घोषणा की, जो आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। यह निर्णय उन अभिभावकों के लिए राहत का कारण बनेगा जो हर साल बढ़ती फीस से परेशान हैं।