दीपिका कक्कड़ की स्वास्थ्य स्थिति: कैंसर से जूझने की कहानी

दीपिका कक्कड़ का स्वास्थ्य अपडेट
दीपिका कक्कड़ स्वास्थ्य अपडेट: प्रसिद्ध टेलीविजन अभिनेत्री दीपिका कक्कड़, जिन्हें 'ससुराल सिमर का' से पहचान मिली, स्टेज 2 लिवर कैंसर से लड़ाई कर रही हैं। मई 2025 में उनकी बीमारी का खुलासा हुआ था, और जून में 14 घंटे की लंबी सर्जरी के बाद ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया गया। हाल ही में, दीपिका और उनके पति शोएब इब्राहिम ने अपने यूट्यूब व्लॉग के माध्यम से फैंस को अपनी सेहत और चल रहे इलाज के बारे में जानकारी दी। शोएब ने बताया कि दीपिका ने 10 जुलाई 2025 से टारगेटेड थेरेपी शुरू की है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स, जैसे जीभ पर छाले, दिखाई देने लगे हैं।
शोएब ने अपने व्लॉग में कहा, '10 जुलाई से दीपिका की टारगेटेड थेरेपी शुरू हो गई है। पहले दिन वह ठीक थीं, लेकिन दूसरे दिन उनकी जीभ पर हल्के छाले हो गए।' दीपिका ने इस पर कहा, 'डॉक्टर ने पहले ही छालों की संभावना जताई थी और मुझे खूब पानी पीने की सलाह दी थी। मैं ऐसा कर रही हूं और मुझे विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा।' उन्होंने यह भी बताया कि वह थकान महसूस कर रही हैं, जो रुहान के साथ बिताए दिनों के कारण हो सकती है।
दीपिका कक्कड़ की सेहत की स्थिति
दीपिका ने एक पूर्व व्लॉग में अपनी सर्जरी के बाद की भावनाओं को साझा किया था। उन्होंने कहा, 'सर्जरी के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। पहले मैं एक जगह बैठ नहीं पाती थी, हमेशा कुछ न कुछ करती रहती थी। अब कई बार मुझे लगता है कि बस आराम करना है। डॉक्टर ने मुझे सक्रिय रहने को कहा है, लेकिन कुछ दिन ऐसे होते हैं जब मैं बस रुकना चाहती हूँ।' उन्होंने टारगेटेड थेरेपी के बारे में बताते हुए कहा, 'यह एक ओरल दवा है, जो मुझे अगले हफ्ते से शुरू करनी थी। मैं दुआ करती हूँ कि मेरा शरीर इसे सहन कर ले, क्योंकि हर दवा के साइड इफेक्ट्स होते हैं।'
सर्जरी और रिकवरी की चुनौतियाँ
दीपिका को मई 2025 में पेट दर्द की शिकायत के बाद लिवर में टेनिस बॉल के आकार का ट्यूमर होने का पता चला था। 28 मई को उन्होंने इंस्टाग्राम पर स्टेज 2 लिवर कैंसर की पुष्टि की। 3 जून को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उनकी 14 घंटे की सर्जरी हुई, जिसमें ट्यूमर के साथ-साथ गॉल ब्लैडर और लिवर का एक हिस्सा भी हटाया गया। सर्जरी के बाद वह 11 दिन तक अस्पताल में रहीं और 14 जून को डिस्चार्ज हुईं।
शोएब ने बताया कि ट्यूमर 'ग्रेड थ्री और पुअर्ली डिफरेंशिएटेड' था, यानी यह काफी आक्रामक था, और भविष्य में कैंसर के दोबारा होने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा, 'सर्जरी के बाद कोई कैंसर सेल्स नहीं हैं, लेकिन बायोप्सी और पीईटी स्कैन ने स्थिति की गंभीरता दिखाई। इलाज 1 से 2 साल तक चल सकता है, और हर तीन हफ्ते में स्कैन होंगे।'