Newzfatafatlogo

दीपिका कक्कड़ को हुआ लिवर कैंसर, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

प्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ को सेकेंड स्टेज लिवर कैंसर का पता चला है। उन्होंने अपने प्रशंसकों को इस बारे में जानकारी दी है। इस लेख में, हम लिवर कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है और इसके लक्षणों को पहचानने में मदद मिलेगी।
 | 
दीपिका कक्कड़ को हुआ लिवर कैंसर, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

दीपिका कक्कड़ की स्वास्थ्य स्थिति

प्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ को सेकेंड स्टेज लिवर कैंसर का पता चला है। उन्होंने इस गंभीर स्थिति की जानकारी अपने इंस्टाग्राम पर साझा की। उनके पति शोएब इब्राहिम के साथ मिलकर, दीपिका ने अपने व्लॉग में इस बारे में अपने प्रशंसकों को बताया। उन्होंने खुलासा किया कि उनके लिवर में टेनिस बॉल के आकार का एक ट्यूमर है, जो बाद में कैंसर के रूप में पहचाना गया। दीपिका के प्रशंसकों को यह विश्वास नहीं हो रहा है कि जो अभिनेत्री हाल ही में स्वस्थ थीं, उन्हें अचानक कैंसर कैसे हो गया।


लिवर कैंसर के बारे में जानकारी

इस खबर के बाद से सोशल मीडिया पर लिवर कैंसर के कारणों, लक्षणों और इसके इलाज के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं। इस लेख में, हम इन सभी सवालों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे।




स्टेज 2 लिवर कैंसर


स्टेज 2 लिवर कैंसर में बीमारी थोड़ी फैल चुकी होती है, लेकिन इसके इलाज के अच्छे अवसर होते हैं। जब लिवर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और गांठ या ट्यूमर का निर्माण करती हैं, तब लिवर कैंसर होता है। स्टेज 2 में, एक से अधिक ट्यूमर हो सकते हैं या ट्यूमर रक्त वाहिकाओं में प्रवेश कर चुका होता है, लेकिन यह दूर के अंगों तक नहीं फैला होता।


लिवर कैंसर के लक्षण

लक्षण


भूख में कमी


जल्दी पेट भर जाना


कमजोरी और थकावट


अचानक वजन कम होना


पेट में सूजन या द्रव भरना


उल्टी या मतली की शिकायत


त्वचा और आंखों का पीला पड़ना


मल का रंग हल्का और पेशाब का रंग गहरा होना


पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में हल्का दर्द या भारीपन


बचाव और उपचार

बचाव


स्टेज 2 लिवर कैंसर के लक्षण कई बार अन्य बीमारियों के समान होते हैं, जिससे लोग इन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस गंभीर बीमारी का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, एएफपी टेस्ट और बायोप्सी जैसे परीक्षणों का सहारा लिया जा सकता है।