दुधारू पशु खरीदने के लिए लाभकारी सुझाव किसानों के लिए

दुधारू पशु खरीद: किसानों के लिए लाभकारी सुझाव
दुधारू पशु खरीदना किसानों के लिए एक उत्कृष्ट आय का स्रोत बन सकता है। इससे न केवल दूध प्राप्त होता है, बल्कि गोबर की खाद और बछड़े भी मिलते हैं।
यह किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करता है। हालांकि, सही पशु का चयन करना अत्यंत आवश्यक है। गलत चयन से नुकसान हो सकता है। पशुपालन के सुझावों और सावधानियों के माध्यम से आप बेहतर दूध उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि दुधारू पशु खरीदते समय किन 9 बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शरीर और दूध उत्पादन की क्षमता
दुधारू पशु की पहचान उसकी शारीरिक संरचना से होती है। उसका शरीर तिकोना होना चाहिए, त्वचा चिकनी हो और थन का आकार संतुलित होना चाहिए। आंखें चमकदार और पूंछ सक्रिय होनी चाहिए। दूध उत्पादन की जांच करना भी आवश्यक है। 2-3 दिन तक दूध निकालकर देखें। दूध की धार तेज और सीधी होनी चाहिए। दूध निकालने के बाद थन का सिकुड़ना दूध की गुणवत्ता और मात्रा को दर्शाता है। सही पशु का चयन करने से आपकी आय में वृद्धि होगी।
नस्ल, उम्र और प्रजनन
नस्ल का चयन करते समय सावधानी बरतें। उच्च नस्ल के पशु अधिक दूध देते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है।
डेयरी फार्म से पशु की वंशावली का रिकॉर्ड मांगें। उम्र की पहचान के लिए दांत और सींग की जांच करें। 3-6 साल के पशु प्रजनन के लिए उपयुक्त होते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती चरण के पशु खरीदने से आपको दूध और बछड़े दोनों का लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य और व्यवहार
पशु के स्वास्थ्य की जांच करना आवश्यक है। टीकाकरण की पूरी जानकारी प्राप्त करें। बीमार या कमजोर पशुओं से बचें, क्योंकि वे दूध नहीं देंगे।
पशु का व्यवहार भी महत्वपूर्ण है। शांत और मिलनसार पशु दूध निकालने में सहायक होते हैं। चंचल या डरपोक पशु परेशानी पैदा कर सकते हैं। उनकी खुराक की आदतें भी जानें। हरा और सूखा चारा खाने वाले पशु स्वस्थ रहते हैं, जो आय के लिए आवश्यक है।
सरकारी सहायता और सलाह
दुधारू पशु खरीदने से पहले पशु चिकित्सक या पशुपालन विभाग से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाएं, क्योंकि कई योजनाएं पशुपालन को बढ़ावा देती हैं। आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।
अजोला चारा जैसे सस्ते विकल्प पशु की सेहत और दूध उत्पादन को बढ़ाते हैं। स्थानीय नस्ल का चयन करना भी फायदेमंद हो सकता है। सही जानकारी से किसानों की आय में वृद्धि होगी।