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दुबई में स्कूबा डाइविंग के दौरान भारतीय इंजीनियर की दुखद मौत: जानें क्या हुआ

दुबई के जुमेराह बीच पर एक 29 वर्षीय भारतीय इंजीनियर, इसाक पॉल ओलाक्केनगिल, की स्कूबा डाइविंग के दौरान दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना ईद-उल-अजहा की छुट्टियों के दौरान हुई, जब उन्हें पानी के नीचे सांस लेने में कठिनाई हुई। अस्पताल में इलाज के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। परिवार अब शव को भारत लाने की प्रक्रिया में जुटा है। यह घटना साहसिक खेलों के प्रेमियों के लिए सुरक्षा की आवश्यकता पर एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
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दुबई में स्कूबा डाइविंग के दौरान भारतीय इंजीनियर की दुखद मौत: जानें क्या हुआ

दुखद घटना का विवरण

दुबई के जुमेराह बीच पर एक 29 वर्षीय भारतीय इंजीनियर की स्कूबा डाइविंग के दौरान दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना उस समय घटी जब वह अपने परिवार के साथ ईद-उल-अजहा की छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। मृतक की पहचान इसाक पॉल ओलाक्केनगिल के रूप में हुई है, जो केरल के निवासी थे और यूएई में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे.


सांस लेने में कठिनाई का सामना

रिपोर्टों के अनुसार, यह हादसा शुक्रवार को हुआ जब इसाक को पानी के नीचे सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इसी कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उनके परिवार के सदस्य डेविड पियारिलोस, जो कानूनी प्रक्रियाओं में मदद कर रहे हैं, ने बताया कि यह दुर्घटना एक मान्यता प्राप्त स्कूबा डाइविंग स्थल पर प्रशिक्षण सत्र के दौरान हुई थी.


अस्पताल में इलाज के बावजूद असफलता

पियारिलोस ने बताया कि इसाक शुरुआती प्रशिक्षण ले रहे थे और अचानक उन्हें सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई। वह अपने समूह से अलग हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत पानी से बाहर निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों की सभी कोशिशों के बावजूद, उन्हें बचाया नहीं जा सका.


शव को भारत लाने की प्रक्रिया

इस दुखद घटना के बाद, परिवार और संबंधित अधिकारी शव को भारत लाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। डेविड पियारिलोस ने बताया कि वे अधिकारियों के साथ मिलकर आवश्यक दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं ताकि पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द स्वदेश भेजा जा सके.


सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर

यह घटना उन पर्यटकों और साहसिक खेलों के प्रेमियों के लिए एक चेतावनी है कि किसी भी एडवेंचर गतिविधि से पहले सुरक्षा और स्वास्थ्य की पूरी जांच आवश्यक है। इसाक की असमय मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय को भी गहरे शोक में डाल दिया है.