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दूध का सेवन: गठिया के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

गठिया के मरीजों के लिए दूध का सेवन एक महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में, हम जानेंगे कि दूध का सेवन कब और कैसे करना चाहिए, विशेषकर उन लोगों के लिए जो सूजन से पीड़ित हैं। दूध के फायदे और नुकसान, सही तरीके से सेवन करने की विधि, और किन बीमारियों में दूध से बचना चाहिए, इस पर चर्चा की गई है। यह जानकारी आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
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दूध का सेवन: गठिया के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

गठिया के मरीजों के लिए दूध का सेवन

हेल्थ कार्नर: गठिया से पीड़ित व्यक्तियों को सूजन के समय दूध का सेवन करने से बचना चाहिए। दूध, जो पोषण से भरपूर है, हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसके सेवन के सही तरीके और समय के बारे में लोगों को जानकारी कम होती है। आइए, इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानते हैं।



दूध का सेवन: गठिया के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी


उबालकर सेवन करें:
आयुर्वेद के अनुसार, केवल स्वस्थ गाय का कच्चा दूध ही लेना चाहिए और इसे तुरंत पी लेना चाहिए, अन्यथा इसमें कीटाणुओं का विकास हो सकता है। इससे चर्म रोग, एलर्जी और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, दूध को उबालकर पीना बेहतर होता है, जिससे बैक्टीरिया का खतरा कम हो जाता है और इसके फायदे कच्चे दूध के समान होते हैं।


दूध का सेवन: गठिया के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी


दवा के साथ सेवन:
मलेरिया, सामान्य बुखार, सूखी खांसी, निमोनिया, शारीरिक कमजोरी, हृदय रोग, जलन, बवासीर, मिर्गी, मानसिक रोग, और हड्डियों व जोड़ों के दर्द में मरीजों को दवाओं के साथ दूध का सेवन करना चाहिए। इन बीमारियों में वात और पित्त की अधिकता होती है, और दूध इसे संतुलित करता है। यह दवाओं की गर्मी को भी कम करता है। हालांकि, दस्त, पेचिश, मोटापा, मधुमेह, पीलिया, लिवर की बीमारियों और गठिया के रोगियों को, जिनके जोड़ों में सूजन है, दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। इन स्थितियों में पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और दूध भारी होने के कारण आसानी से पच नहीं पाता, जिससे एसिडिटी, अपच और उल्टी की समस्या हो सकती है।



ध्यान देने योग्य बातें:


खट्टे फलों के साथ दूध का सेवन न करें, क्योंकि इससे बदहजमी और जलन हो सकती है।
खाली पेट दूध न पिएं; इसे हमेशा नाश्ते के साथ लें, क्योंकि यह भारी होने के कारण पेट दर्द का कारण बन सकता है।
रात को भोजन के एक घंटे बाद दूध पीने से यह खाने के मसालों की गर्मी को कम कर देता है।
दूध को एल्यूमीनियम, कांसे, तांबे या बिना कलई वाले पीतल के बर्तन में न उबालें, क्योंकि इससे धातु का अंश दूध में मिल सकता है, जिससे जी मिचलाना, चक्कर आना और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।