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धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व और श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर

धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु तमिलनाडु के श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर में जाकर अपनी बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए जड़ी-बूटियाँ अर्पित करते हैं। जानें इस मंदिर की विशेषताएँ और पूजा की परंपराएँ।
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धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का महत्व और श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर

भगवान धन्वंतरि और उनकी पूजा

श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर: भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का संस्थापक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने मानवता को आयुर्वेद का ज्ञान दिया। धनतेरस के अवसर पर, जो दिवाली से पहले आता है, धन्वंतरि देव की विधिपूर्वक पूजा करने की परंपरा है। हिंदू मान्यता के अनुसार, धन्वंतरि आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता हैं, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में।


तमिलनाडु के वालाजापेट में स्थित श्री धन्वंतरि आरोग्य पीठम मंदिर में भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कुछ विशेष नियम हैं, जिनमें ड्रेस कोड और कुछ वस्तुओं जैसे फूलों और कैमरों पर प्रतिबंध शामिल हैं। यह मंदिर विभिन्न यज्ञों और पूजा-अर्चना के आयोजन के लिए प्रसिद्ध है और जनता के स्वास्थ्य के प्रति समर्पित सेवाएं प्रदान करता है।


भक्त यहां आकर अपनी बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए भगवान धन्वंतरि को औषधीय जड़ी-बूटियाँ अर्पित करते हैं। मंदिर में नियमित रूप से कई प्रकार के हवन आयोजित होते हैं, जैसे आंवले का हवन, एक लाख लड्डू का हवन, एक लाख कमल का हवन, और छह लाल मिर्ची का हवन।